योहन 5:10-17

योहन 5:10-17 HINCLBSI

इसलिए यहूदी धर्मगुरुओं ने स्‍वस्‍थ हुए व्यक्‍ति से कहा, “आज विश्राम का दिन है। बिस्‍तर उठाना तुम्‍हारे लिए उचित नहीं है।” उसने उत्तर दिया, “जिसने मुझे स्‍वस्‍थ किया, उसी ने मुझ से कहा, ‘अपना बिस्‍तर उठाओ और चलो।” उन्‍होंने उस से पूछा, “कौन है वह, जिसने तुम से कहा, ‘अपना बिस्‍तर उठाओ और चलो?’ ” स्‍वस्‍थ किया हुआ मनुष्‍य नहीं जानता था कि वह कौन है, क्‍योंकि उस जगह बहुत भीड़ होने के कारण येशु वहाँ से हट गये थे। कुछ समय पश्‍चात् येशु को वह मन्‍दिर में मिला। येशु ने उस से कहा, “देखो, तुम स्‍वस्‍थ हो गये हो। फिर पाप मत करना। कहीं ऐसा न हो कि तुम पर और भी भारी संकट आ पड़े।” उस मनुष्‍य ने जा कर धर्मगुरुओं को बताया कि जिन्‍होंने मुझे स्‍वस्‍थ किया है, वह येशु हैं। यहूदी धर्मगुरु येशु को इसलिए सताने लगे कि वह विश्राम के दिन ऐसे काम किया करते थे। येशु ने उन्‍हें यह उत्तर दिया, “मेरा पिता अब तक कार्य कर रहा है और मैं भी कार्य कर रहा हूँ।”

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