योहन 21:17-24

योहन 21:17-24 HINCLBSI

येशु ने तीसरी बार उससे कहा, “सिमोन, योहन के पुत्र! क्‍या तुम मुझे प्‍यार करते हो?” पतरस को इससे दु:ख हुआ कि उन्‍होंने तीसरी बार उससे यह पूछा, “क्‍या तुम मुझे प्‍यार करते हो?”। उसने येशु से कहा, “प्रभु! आप तो सब कुछ जानते हैं। आप जानते हैं कि मैं आप को प्‍यार करता हूँ।” येशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चराओ। “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जब तुम युवा थे तब तुम स्‍वयं अपनी कमर कस कर जहाँ चाहते थे, वहाँ घूमते-फिरते थे। किन्‍तु जब तुम वृद्ध होगे, तब तुम अपने हाथ फैलाओगे और दूसरा व्यक्‍ति तुम्‍हारी कमर कस कर तुम्‍हें वहाँ ले जाएगा, जहाँ तुम जाना नहीं चाहते।” इन शब्‍दों से येशु ने संकेत किया कि किस प्रकार की मृत्‍यु से पतरस परमेश्‍वर की महिमा करेगा। येशु ने अन्‍त में पतरस से कहा, “मेरा अनुसरण करो।” पतरस ने मुड़ कर उस शिष्‍य को पीछे-पीछे आते देखा, जिससे येशु प्रेम करते थे और जिसने भोजन के समय उनकी छाती पर झुक कर पूछा था, “प्रभु! वह कौन है, जो आप को पकड़वाएगा?” पतरस ने उसे देख कर येशु से पुछा, “प्रभु! इसका क्‍या होगा?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “यदि मेरी इच्‍छा हो कि यह मेरे आने तक रहे, तो इस से तुम्‍हें क्‍या? तुम मेरा अनुसरण करो।” यह बात भाई-बहिनों में फैल गयी कि वह शिष्‍य नहीं मरेगा। परन्‍तु येशु ने यह नहीं कहा था कि “यह नहीं मरेगा”, बल्‍कि यह कि “यदि मेरी इच्‍छा हो कि यह मेरे आने तक रहे, तो इससे तुम्‍हें क्‍या?” यह वही शिष्‍य है, जो इन बातों के विषय में साक्षी दे रहा है और जिसने इन बातों का विवरण लिखा है। हम जानते हैं कि उसकी साक्षी सत्‍य है।