इसके पश्चात् शिष्य अपने-अपने घर लौट गये। मरियम कबर के पास, बाहर रोती हुई खड़ी रही। उसने रोते-रोते झुक कर कबर के भीतर दृष्टि डाली और जहाँ येशु का शरीर रखा हुआ था, वहाँ श्वेत वस्त्र पहने दो स्वर्गदूतों को बैठा हुआ देखा : एक को सिरहाने और दूसरे को पैताने। दूतों ने उस से कहा, “हे महिला! आप क्यों रो रही हैं?” उसने उत्तर दिया, “वे मेरे प्रभु को उठा ले गये हैं और मैं नहीं जानती कि उन्होंने उन को कहाँ रखा है।” वह यह कह कर मुड़ी और उसने येशु को वहाँ खड़े हुए देखा, किन्तु वह उन्हें पहचान नहीं सकी कि वह येशु हैं। येशु ने उससे कहा, “हे महिला! आप क्यों रो रही हैं? आप किसे ढूँढ़ रही हैं?” मरियम ने उन्हें माली समझा और यह कहा, “महोदय! यदि आप उन्हें उठा ले गये हैं, तो मुझे बता दीजिए कि आपने उन्हें कहाँ रखा है और मैं उन्हें ले जाऊंगी।” इस पर येशु ने उससे कहा, “मरियम!” उसने मुड़ कर इब्रानी में उनसे कहा, “रब्बोनी”, अर्थात् “गुरुवर”। येशु ने उससे कहा, “चरणों से लिपट कर मुझे मत रोको। मैं अब तक पिता के पास, ऊपर नहीं गया हूँ। मेरे भाइयों के पास जाओ, और उनसे यह कहो कि मैं अपने पिता और तुम्हारे पिता, अपने परमेश्वर और तुम्हारे परमेश्वर के पास ऊपर जा रहा हूँ।” मरियम मगदलेनी ने जा कर शिष्यों को यह संदेश दिया, “मैंने प्रभु को देखा है और उन्होंने मुझ से ये बातें कही हैं।”
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