योहन 19:31-37

योहन 19:31-37 HINCLBSI

यह विश्राम-दिवस से पूर्व तैयारी का दिन था। यहूदी धर्मगुरु यह नहीं चाहते थे कि शरीर विश्राम के दिन क्रूस पर टंगे रहें; क्‍योंकि वह विश्राम-दिवस त्‍योहार के कारण एक प्रमुख दिन था। इसलिए उन्‍होंने पिलातुस से निवेदन किया कि उन व्यक्‍तियों की टाँगें तोड़ दी जाएँ और उनके मृत शरीर हटा दिये जाएँ। इसलिए सैनिकों ने आ कर येशु के साथ क्रूस पर चढ़ाए हुए पहले व्यक्‍ति की टाँगें तोड़ दीं, फिर दूसरे की। जब उन्‍होंने येशु के पास आ कर देखा कि वह मर चुके हैं, तो उन्‍होंने उनकी टाँगें नहीं तोड़ीं; लेकिन एक सैनिक ने उनकी पसली में भाला मारा और उसमें से तुरन्‍त रक्‍त और जल बह निकला। जिसने यह देखा है, उसने इसकी साक्षी दी है और उसकी साक्षी सच्‍ची है। वह जानता है कि वह सच बोल रहा है, जिससे आप भी विश्‍वास करें। यह इसलिए हुआ कि धर्मग्रन्‍थ का यह कथन पूरा हो जाए, “उसकी एक भी हड्डी नहीं तोड़ी जाएगी;” फिर धर्मग्रन्‍थ का एक दूसरा कथन इस प्रकार है, “उन्‍होंने जिसे बेधा है वे उसी की ओर देखेंगे।”