योहन 19:19-30

योहन 19:19-30 HINCLBSI

पिलातुस ने एक दोषपत्र भी लिखवा कर क्रूस पर लगवा दिया। वह इस प्रकार था : “येशु नासरी, यहूदियों का राजा।” बहुत यहूदियों ने यह दोषपत्र पढ़ा; क्‍योंकि वह स्‍थान, जहाँ येशु क्रूस पर चढ़ाए गये थे, शहर के पास ही था और दोषपत्र इब्रानी, लातीनी और यूनानी भाषाओं में लिखा हुआ था। इसलिए यहूदी महापुरोहितों ने पिलातुस से कहा, “आप यह नहीं लिखिए : ‘यहूदियों का राजा’; बल्‍कि ‘इसने कहा था कि मैं यहूदियों का राजा हूँ’।” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैंने जो लिख दिया, वह लिख दिया।” येशु को क्रूस पर चढ़ाने के बाद सैनिकों ने उनके वस्‍त्र ले लिये और अंगरखा को छोड़कर उन वस्‍त्रों के चार भाग कर दिये−सैनिक के लिए एक-एक भाग। इस अंगरखा में सीवन नहीं था, वह ऊपर से नीचे तक पूरा-का-पूरा बुना हुआ था। उन्‍होंने आपस में कहा, “हम इसे नहीं फाड़ें, बल्‍कि इस पर चिट्ठी डालें कि यह किस को मिले।” यह इसलिए हुआ कि धर्मग्रन्‍थ का यह कथन पूरा हो जाए : “उन्‍होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिये और मेरे वस्‍त्र पर चिट्ठी डाली।” सैनिकों ने ऐसा ही किया। येशु की माता, उनकी माँ की बहन, क्‍लोपास की पत्‍नी मरियम और मरियम मगदलेनी उनके क्रूस के पास खड़ी थीं। येशु ने अपनी माता को और उनके पास खड़े अपने उस शिष्‍य को, जिस से येशु प्रेम करते थे, देखा। उन्‍होंने अपनी माता से कहा, “हे नारी! देखिए, यह आपका पुत्र है।” इसके पश्‍चात् उन्‍होंने उस शिष्‍य से कहा, “देखो, यह तुम्‍हारी माँ हैं।” उसी समय से वह शिष्‍य मरियम को अपने घर ले गया। तब येशु ने यह जान कर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका है, धर्मग्रन्‍थ का लेख पूरा करने के उद्देश्‍य से कहा, “मैं प्‍यासा हूँ।” वहाँ अम्‍लरस से भरा एक पात्र रखा हुआ था। उन्‍होंने उसमें एक पनसोख्‍ता डुबाया और उसे जूफे की डण्‍डी पर रख कर येशु के मुख से लगा दिया। येशु ने अम्‍लरस ग्रहण कर कहा, “सब पूरा हुआ।” और सिर झुका कर अपना प्राण त्‍याग दिया।

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।