योहन 16:5-33

योहन 16:5-33 HINCLBSI

अब मैं उसके पास जा रहा हूँ, जिसने मुझे भेजा है और तुम में से कोई मुझ से यह नहीं पूछता कि आप कहाँ जा रहे हैं। मैंने तुम्‍हें ये बातें बताई हैं, इसलिए तुम्‍हारा हृदय शोक से भर गया है। फिर भी मैं तुम से सच कहता हूँ : तुम्‍हारा कल्‍याण इसमें है कि मैं चला जाऊं। यदि मैं नहीं जाऊंगा, तो सहायक तुम्‍हारे पास नहीं आएगा। यदि मैं जाऊंगा, तो मैं उसे तुम्‍हारे पास भेजूँगा। जब वह आएगा, तो पाप, धार्मिकता और दण्‍डाज्ञा के विषय में संसार को दोषी सिद्ध कर देगा − पाप के विषय में, क्‍योंकि वे मुझ में विश्‍वास नहीं करते; धार्मिकता के विषय में, क्‍योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे फिर न देखोगे; दण्‍डाज्ञा के विषय में, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति दोषी ठहराया जा चुका है। “मुझे तुम से और बहुत कुछ कहना है, परन्‍तु अभी तुम वह नहीं सह सकते। जब वह, अर्थात् सत्‍य का आत्‍मा आएगा, तब वह सम्‍पूर्ण सत्‍य में तुम्‍हारा मार्गदर्शन करेगा; क्‍योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्‍कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्‍हें आने वाली बातों के विषय में बताएगा। वह मुझे महिमान्‍वित करेगा, क्‍योंकि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्‍हें वही बताएगा। जो कुछ पिता का है, वह मेरा है। इसलिये मैंने कहा कि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्‍हें वही बताएगा। “थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े ही समय बाद तुम मुझे देखोगे।” इस पर येशु के कुछ शिष्‍यों ने आपस में कहा, “वह हम से जो कह रहे हैं कि, ‘थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े समय बाद तुम मुझे देखोगे’ और ‘क्‍योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ’ इसका क्‍या अर्थ है?” शिष्‍यों ने कहा, “वह जो ‘थोड़ा समय’ कहते हैं, इसका अर्थ क्‍या है? हम उनकी बात नहीं समझ पा रहे हैं।” येशु जानते थे कि वे उनसे प्रश्‍न पूछना चाहते हैं, अत: येशु ने उनसे कहा, “तुम आपस में मेरे इस कथन के अर्थ पर विचार-विमर्श कर रहे हो कि ‘थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े ही समय बाद मुझे देखोगे।’ मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्‍तु संसार आनन्‍द मनाएगा। तुम शोक करोगे, किन्‍तु तुम्‍हारा शोक आनन्‍द में बदल जाएगा। प्रसव निकट आने पर गर्भवती स्‍त्री को दु:ख होता है, क्‍योंकि उसका समय आ गया है; किन्‍तु शिशु को जन्‍म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्‍योंकि उसे आनन्‍द होता है कि संसार में एक मनुष्‍य का जन्‍म हुआ है। इसी तरह तुम लोग अभी दु:खी हो, किन्‍तु मैं तुम्‍हें फिर देखूँगा और तुम्‍हारा मन आनन्‍दित होगा। तुम से तुम्‍हारा आनन्‍द कोई छीन नहीं सकेगा। उस दिन तुम मुझ से कोई प्रश्‍न नहीं करोगे। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : यदि तुम मेरे नाम में पिता से कुछ माँगोगे, तो वह तुम्‍हें प्रदान करेगा। अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा है। माँगो और तुम्‍हें मिलेगा, जिससे तुम्‍हारा आनन्‍द परिपूर्ण हो! “मैंने तुम से यह सब रूपकों में कहा है। वह समय आ रहा है, जब मैं फिर तुम से रूपकों में कुछ नहीं कहूँगा, बल्‍कि तुम्‍हें स्‍पष्‍ट शब्‍दों में पिता के विषय में बताऊंगा। तुम उस दिन मेरे नाम में माँगोगे। मैं नहीं कहता कि मैं तुम्‍हारे लिए पिता से प्रार्थना करूँगा। पिता तो स्‍वयं तुम्‍हें प्‍यार करता है, क्‍योंकि तुम मुझे प्‍यार करते हो, और तुम ने यह विश्‍वास किया है कि मैं परमेश्‍वर से आया हूँ। मैं पिता से निकल कर संसार में आया हूँ। अब मैं फिर संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ।” येशु के शिष्‍यों ने उन से कहा, “देखिए, अब आप रूपकों में नहीं, बल्‍कि स्‍पष्‍ट शब्‍दों में बोल रहे हैं। अब हम समझ गये हैं कि आप सब कुछ जानते हैं और आपको आवश्‍यकता नहीं कि कोई आपसे प्रश्‍न करे। इसलिए हम विश्‍वास करते हैं कि आप परमेश्‍वर से निकले हैं।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “क्‍या तुम अब विश्‍वास करते हो? देखो! वह घड़ी आ रही है, वरन् आ ही गयी है, जब तुम तितर-बितर हो जाओगे और मुझे अकेला छोड़कर तुम सब अपना-अपना मार्ग लोगे। फिर भी मैं अकेला नहीं हूँ, क्‍योंकि पिता मेरे साथ है। मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्‍ति प्राप्‍त कर सको। संसार में तुम्‍हें क्‍लेश सहना पड़ेगा। परन्‍तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”