योहन 12:23-29

योहन 12:23-29 HINCLBSI

येशु ने उनसे कहा, “वह समय आ गया है, जब मानव-पुत्र महिमान्‍वित किया जाएगा। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ− जब तक गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परन्‍तु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है। जो अपने प्राण को प्‍यार करता है, वह उसको नष्‍ट करता है और जो इस संसार में अपने प्राण से बैर करता है, वह उसे शाश्‍वत जीवन के लिए सुरक्षित रखता है। यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्‍मान करेगा। “अब मेरी आत्‍मा व्‍याकुल है। क्‍या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्‍तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ। पिता! अपने नाम की महिमा कर।” उसी समय स्‍वर्ग से यह वाणी सुनाई पड़ी, “मैंने अपने नाम की महिमा की है, और फिर उसकी महिमा करूँगा।” आसपास खड़े लोग यह सुन कर बोले, “बादल गरजा।” कुछ लोगों ने कहा, “एक स्‍वर्गदूत ने उनसे कुछ कहा।”