योहन 11:1-21

योहन 11:1-21 HINCLBSI

लाजर नामक एक व्यक्‍ति बीमार पड़ गया। वह मरियम और उसकी बहिन मार्था के गाँव बेतनियाह का निवासी था। यह वही मरियम थी, जिसने इत्र से प्रभु का अभ्‍यंजन किया और अपने केशों से उनके चरण पोंछे थे। उसका भाई लाजर बीमार था। दोनों बहिनों ने येशु को समाचार भेजा, “प्रभु! देखिए, जिसे आप प्‍यार करते हैं, वह बीमार है।” येशु ने यह सुन कर कहा, “इस बीमारी का अन्‍त मृत्‍यु नहीं, बल्‍कि यह परमेश्‍वर की महिमा के लिए है। इसके द्वारा परमेश्‍वर का पुत्र महिमान्‍वित होगा।” येशु मार्था, उसकी बहिन मरियम और लाजर से प्रेम करते थे। यह सुन कर कि लाजर बीमार है, वह जहाँ थे, वहाँ और दो दिन ठहर गये; किन्‍तु इसके बाद उन्‍होंने अपने शिष्‍यों से कहा, “आओ! हम फिर यहूदा प्रदेश को चलें।” शिष्‍य बोले, “गुरुवर! कुछ ही दिन पहले वहाँ के लोग आप को पत्‍थरों से मार डालना चाहते थे और आप फिर वहीं जा रहे हैं?” येशु ने उत्तर दिया, “क्‍या दिन के बारह घण्‍टे नहीं होते? जो दिन में चलते हैं, वे ठोकर नहीं खाते, क्‍योंकि वे इस संसार के प्रकाश को देखते हैं। परन्‍तु जो रात में चलते हैं, वे ठोकर खाते हैं, क्‍योंकि उनमें प्रकाश नहीं होता।” इतना कहने के बाद वह फिर उन से बोले, “हमारा मित्र लाजर सो गया है। किन्‍तु मैं उसे नींद से जगाने जा रहा हूँ।” शिष्‍यों ने कहा, “प्रभु! यदि वह सो रहा है, तो स्‍वस्‍थ हो जाएगा।” येशु ने यह उसकी मृत्‍यु के विषय में कहा था, लेकिन उनके शिष्‍यों ने समझा कि वह नींद के विश्राम के विषय में कह रहे हैं। इसलिए येशु ने उन से स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा, “लाजर मर गया है, और मैं तुम्‍हारे कारण प्रसन्न हूँ कि मैं वहाँ नहीं था, जिससे तुम लोग विश्‍वास कर सको। आओ, हम उसके पास चलें।” इस पर थोमस ने, जो दिदिमुस कहलाता था, अपने सहशिष्‍यों से कहा, “आओ, हम भी इनके साथ मरने को चलें।” वहाँ पहुँचने पर येशु को पता चला कि लाजर को कबर में दफनाए चार दिन हो चुके हैं। बेतनियाह यरूशलेम के समीप, लगभग तीन किलोमीटर दूर था। इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे। ज्‍यों ही मार्था ने यह सुना कि येशु आ रहे हैं, वह उन से मिलने गयी। किन्‍तु मरियम घर में ही बैठी रही। मार्था ने येशु से कहा, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता।