योहन 10:24-42

योहन 10:24-42 HINCLBSI

यहूदी धर्मगुरुओं ने उन्‍हें घेर लिया और कहा, “आप हमें कब तक असमंजस में रखे रहेंगे? यदि आप मसीह हैं, तो हमें स्‍पष्‍ट शब्‍दों में बता दीजिए।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “मैंने तुम लोगों को बताया और तुम विश्‍वास नहीं करते। जो कार्य मैं अपने पिता के नाम पर करता हूँ, वे ही मेरे विषय में साक्षी देते हैं। किन्‍तु तुम विश्‍वास नहीं करते, क्‍योंकि तुम मेरी भेड़ों में से नहीं हो। मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्‍हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं। मैं उन्‍हें शाश्‍वत जीवन प्रदान करता हूँ। वे कभी नष्‍ट नहीं होंगी और उन्‍हें मेरे हाथ से कोई नहीं छीन सकेगा। जो कुछ मेरे पिता ने मुझे दिया है, वह सब से महान् है और उसे पिता के हाथ से कोई नहीं छीन सकता। मैं और पिता एक हैं।” धर्मगुरुओं ने येशु को मार डालने के लिए फिर पत्‍थर उठाए। येशु ने उन से कहा, “मैंने अपने पिता की ओर से तुम लोगों के सामने बहुत-से अच्‍छे कार्य किये हैं। उन में किस कार्य के लिए मुझे पत्‍थरों से मार डालना चाहते हो?” धर्मगुरुओं ने उत्तर दिया, “किसी अच्‍छे कार्य के लिए नहीं, बल्‍कि ईश-निन्‍दा के लिए हम तुम को पत्‍थरों से मार डालना चाहते हैं; क्‍योंकि तुम मनुष्‍य हो कर अपने को परमेश्‍वर मानते हो।” येशु ने कहा, “क्‍या तुम लोगों की व्‍यवस्‍था में यह नहीं लिखा है, ‘मैंने कहा : तुम ईश्‍वर हो’? जिन को परमेश्‍वर का सन्‍देश दिया गया था, यदि व्‍यवस्‍था ने उन को ईश्‍वर कहा − और धर्मग्रन्‍थ की बात टल नहीं सकती − तो जिसे पिता ने पवित्र ठहरा कर संसार में भेजा है, उससे तुम लोग यह कैसे कहते हो, ‘तुम ईश-निन्‍दा करते हो’; क्‍योंकि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ’? “यदि मैं अपने पिता के कार्य नहीं करता, तो मुझ पर विश्‍वास न करो। किन्‍तु यदि मैं उन्‍हें करता हूँ, तो मुझ पर विश्‍वास नहीं करने पर भी तुम कार्यों पर ही विश्‍वास करो, जिससे तुम यह जान जाओ और समझ लो कि पिता मुझ में है और मैं पिता में हूँ।” इस पर उन्‍होंने फिर येशु को गिरफ्‍तार करने का प्रयत्‍न किया, परन्‍तु वह उनके हाथ से निकल गये। येशु यर्दन नदी के पार उस जगह लौट गये, जहाँ पहले योहन बपतिस्‍मा दिया करते थे, और वह वहीं रहे। बहुत लोग उनके पास आए। वे कहते थे, “योहन ने तो कोई आश्‍चर्यपूर्ण चिह्‍न नहीं दिखाया, परन्‍तु उन्‍होंने इनके विषय में जो कुछ कहा, वह सब सच निकला।” और वहाँ बहुतों ने येशु पर विश्‍वास किया।