योहन 1:43-51

योहन 1:43-51 HINCLBSI

दूसरे दिन येशु ने गलील प्रदेश जाने का निश्‍चय किया। उनकी भेंट फिलिप से हुई। उन्‍होंने उससे कहा, “मेरे पीछे आओ।” फिलिप बेतसैदा नगर का निवासी था। वहाँ अन्‍द्रेयास और पतरस भी रहते थे। फिलिप नतनएल से मिला और बोला, “जिनके विषय में मूसा ने व्‍यवस्‍था में और नबियों ने भी लिखा है, वह हमें मिल गये हैं। वह नासरत-निवासी, युसुफ के पुत्र येशु हैं।” नतनएल ने उत्तर दिया, “क्‍या नासरत से कोई अच्‍छी वस्‍तु निकल सकती है?” फिलिप ने कहा, “आओ और स्‍वयं देख लो।” येशु ने नतनएल को अपने पास आते देखा, तो उसके विषय में कहा, “देखो, यह एक सच्‍चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।” नतनएल ने उन से कहा, “आप मुझे कैसे जानते हैं?” येशु ने उत्तर दिया, “फिलिप द्वारा तुम्‍हारे बुलाए जाने से पहले मैंने तुम को अंजीर के पेड़ के नीचे देखा था।” नतनएल ने उनसे कहा, “गुरु जी! आप परमेश्‍वर के पुत्र हैं, आप इस्राएल के राजा हैं।” येशु ने उत्तर दिया, “मैं ने तुम से कहा, ‘मैंने तुम्‍हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा’; क्‍या तुम इसी लिए विश्‍वास करते हो? तुम इस से भी महान कार्य देखोगे।” येशु ने उससे यह भी कहा, “मैं तुम लोगों से सच-सच कहता हूँ : तुम स्‍वर्ग को खुला हुआ और परमेश्‍वर के दूतों को मानव-पुत्र के ऊपर चढ़ते और उतरते हुए देखोगे।”