दूसरे दिन योहन ने येशु को अपनी ओर आते देखा और कहा, “देखो, परमेश्वर का मेमना, जो संसार का पाप हरता है। यह वही हैं, जिनके विषय में मैंने कहा था, ‘मेरे बाद एक पुरुष आने वाले हैं। वह मुझ से श्रेष्ठ हैं, क्योंकि वह मुझ से पहले विद्यमान थे।’ मैं भी उन्हें नहीं जानता था, परन्तु मैं इसलिए जल से बपतिस्मा देने आया हूँ कि वह इस्राएल पर प्रकट हो जाएँ।”
फिर योहन ने यह साक्षी दी, “मैंने आत्मा को स्वर्ग से कपोत के सदृश उतरते देखा और वह उन पर ठहर गया। मैं भी उन्हें नहीं जानता था; परन्तु जिसने मुझे जल से बपतिस्मा देने भेजा, उसने मुझ से कहा था, ‘तुम जिन पर आत्मा को उतरते और ठहरते देखोगे, वही पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देते हैं।’ मैंने स्वयं देखा और यह मेरी साक्षी है कि यह परमेश्वर के पुत्र हैं।”
दूसरे दिन योहन फिर अपने दो शिष्यों के साथ खड़े थे। योहन ने येशु को जाते हुए देखा और कहा, “देखो परमेश्वर का मेमना!” दोनों शिष्य उनकी यह बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये। येशु ने मुड़ कर उन्हें अपने पीछे आते देखा, तो कहा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “रब्बी! (अर्थात् गुरु) आप कहाँ रहते हैं?” येशु ने उनसे कहा, “आओ और देखो।” उन्होंने जा कर देखा कि वह कहाँ रहते हैं और उस दिन वे उनके साथ रहे। उस समय शाम के लगभग चार बजे थे।
जो शिष्य योहन की बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये थे, उन दोनों में एक सिमोन पतरस का भाई अन्द्रेयास था। वह पहले अपने भाई सिमोन से मिला और उससे कहा, “हमें मसीह (अर्थात् परमेश्वर के अभिषिक्त जन) मिल गये हैं।” और वह उसे येशु के पास ले गया। येशु ने उसे ध्यान से देखा और कहा, “तुम योहन के पुत्र सिमोन हो। तुम केफा (अर्थात् चट्टान) कहलाओगे।”
दूसरे दिन येशु ने गलील प्रदेश जाने का निश्चय किया। उनकी भेंट फिलिप से हुई। उन्होंने उससे कहा, “मेरे पीछे आओ।” फिलिप बेतसैदा नगर का निवासी था। वहाँ अन्द्रेयास और पतरस भी रहते थे। फिलिप नतनएल से मिला और बोला, “जिनके विषय में मूसा ने व्यवस्था में और नबियों ने भी लिखा है, वह हमें मिल गये हैं। वह नासरत-निवासी, युसुफ के पुत्र येशु हैं।” नतनएल ने उत्तर दिया, “क्या नासरत से कोई अच्छी वस्तु निकल सकती है?” फिलिप ने कहा, “आओ और स्वयं देख लो।”
येशु ने नतनएल को अपने पास आते देखा, तो उसके विषय में कहा, “देखो, यह एक सच्चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।” नतनएल ने उन से कहा, “आप मुझे कैसे जानते हैं?” येशु ने उत्तर दिया, “फिलिप द्वारा तुम्हारे बुलाए जाने से पहले मैंने तुम को अंजीर के पेड़ के नीचे देखा था।” नतनएल ने उनसे कहा, “गुरु जी! आप परमेश्वर के पुत्र हैं, आप इस्राएल के राजा हैं।” येशु ने उत्तर दिया, “मैं ने तुम से कहा, ‘मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा’; क्या तुम इसी लिए विश्वास करते हो? तुम इस से भी महान कार्य देखोगे।” येशु ने उससे यह भी कहा, “मैं तुम लोगों से सच-सच कहता हूँ : तुम स्वर्ग को खुला हुआ और परमेश्वर के दूतों को मानव-पुत्र के ऊपर चढ़ते और उतरते हुए देखोगे।”