यिर्मयाह 1:1-10

यिर्मयाह 1:1-10 HINCLBSI

यिर्मयाह का इतिहास : यिर्मयाह के पिता का नाम हिल्‍कियाह था। उनका पिता बिन्‍यामिन कुलक्षेत्र के अनातोत नगर के पुरोहितों में से एक था। यिर्मयाह को जब प्रभु का संदेश मिला तब यहूदा प्रदेश पर राजा योशियाह बेन-आमोन राज्‍य करता था, और उसके राज्‍यकाल का तेरहवां वर्ष था। राजा योशियाह के पश्‍चात् उसके पुत्र यहोयाकीम के राज्‍य-काल में भी प्रभु का सन्‍देश यिर्मयाह को मिला। राजा योशियाह के पुत्र सिदकियाह के राज्‍य-काल के ग्‍यारहवें वर्ष के अन्‍त तक प्रभु का सन्‍देश यिर्मयाह को मिलता रहा। इसी वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम के निवासी गुलाम बनकर यहूदा प्रदेश से निष्‍कासित हुए। प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला, उसने मुझसे यों कहा, ‘जब मैंने तेरी मां के पेट में तुझे गढ़ा, उसके पहले से मैंने तुझे चुना है। तेरे जन्‍म लेने के पूर्व ही मैंने नबी-कार्य के लिए तेरा अभिषेक किया है। मैंने राष्‍ट्रों के लिए तुझे नबी नियुक्‍त किया है।’ तब मैंने कहा, ‘प्रभु, मेरे स्‍वामी, देख, अभी तो मैं बोल भी नहीं सकता; मैं तो अभी किशोर ही हूं।’ किन्‍तु प्रभु ने कहा, ‘मत कह कि तू किशोर है! मैं जिस-जिस व्यक्‍ति के पास तुझको भेजूंगा, तू उसके पास जाएगा, और जो मैं तुझे बोलने के लिए कहूंगा, वही तू बोलेगा। तू उनसे मत डरना, क्‍योंकि तुझे बचाने के लिए मैं तेरे साथ हूं,’ प्रभु की यह वाणी है। फिर प्रभु ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुंह को छुआ, और मुझ से यों कहा, ‘देख, मैं अपने वचन तेरे मुंह में प्रतिष्‍ठित करता हूं। देख, आज मैं तुझको राष्‍ट्रों और राज्‍यों पर प्रबन्‍धक नियुक्‍त करता हूं, कि तू उनको उखाड़े, और गिराए; कि तू उनको नष्‍ट करे और ध्‍वस्‍त करे; कि तू उनको बनाए, और रोपे!’