शासक ग्रंथ 2:10-19

शासक ग्रंथ 2:10-19 HINCLBSI

यहोशुअ की समकालीन पीढ़ी भी अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिल गई। उनके पश्‍चात् नई पीढ़ी का उदय हुआ। यह पीढ़ी न प्रभु को जानती थी, और न उसके आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों को जो उसने इस्राएलियों के हितार्थ किए थे। इस्राएली लोगों ने वही किया जो प्रभु की दृष्‍टि में बुरा है। वे बअल देवताओं की सेवा करने लगे। उन्‍होंने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर को त्‍याग दिया, जो उन्‍हें मिस्र देश से निकाल लाया था। वे अपने चारों ओर की जातियों के देवताओं का अनुसरण करने लगे। उन्‍होंने उन देवताओं की झुककर वंदना की। इस प्रकार उन्‍होंने प्रभु को चिढ़ाया। उन्‍होंने प्रभु को त्‍यागकर बअल देवता तथा अशेराह देवी की आराधना की। अत: इस्राएलियों के प्रति प्रभु का क्रोध भड़क उठा। प्रभु ने उन्‍हें लुटेरों के हाथ सौंप दिया, जिन्‍होंने इस्राएलियों को लूटा। उसने उन्‍हें उनके चारों ओर के शत्रुओं के हाथ बेच दिया, जिसके कारण वे अपने शत्रुओं का सामना नहीं कर सके। जब-जब वे युद्ध के लिए बाहर निकलते थे तब-तब प्रभु का हाथ उनका अनिष्‍ट करने के लिए उठ जाता था। ऐसा ही प्रभु ने कहा था। उसने उनसे यही शपथ खाई थी। वे बड़े संकट में पड़ गए। तब प्रभु ने इस्राएलियों के लिए शासक नियुक्‍त किए, जिन्‍होंने उन्‍हें लुटेरों के हाथ से मुक्‍त किया। किन्‍तु इस्राएलियों ने शासकों की बात भी नहीं सुनी। उन्‍होंने अन्‍य जातियों के देवताओं का अनुसरण कर वेश्‍या के सदृश प्रभु के प्रति विश्‍वासघात किया। उन्‍होंने उन देवताओं की झुककर वंदना की। जिस मार्ग पर उनके पूर्वज चले थे, उससे वे शीघ्र ही भटक गए। जैसा उनके पूर्वजों ने प्रभु की आज्ञाओं का पालन किया था वैसा उन्‍होंने नहीं किया। जब प्रभु इस्राएलियों के लिए शासक नियुक्‍त करता था तब प्रभु उस शासक के साथ रहता था। प्रभु शासक के जीवनभर इस्राएलियों को उनके शत्रुओं के हाथ से मुक्‍त रखता था। जब वे अत्‍याचारी के अत्‍याचार तथा शत्रुओं के दबाव के कारण कराहते थे, तब प्रभु दया से द्रवित हो जाता था। किन्‍तु उस शासक की मृत्‍यु के बाद इस्राएली प्रभु से विमुख हो जाते थे। वे अपने पूर्वजों की अपेक्षा अधिक बुरा व्‍यवहार करते थे। वे अन्‍य जातियों के देवताओं का अनुसरण करते थे। उनकी पूजा-आराधना करते थे। वे झुककर उनकी वंदना करते थे। उन्‍होंने अपनी बुरी प्रथाओं का, पूर्वजों के हठधर्म के मार्ग का, त्‍याग नहीं किया।