यिफ्ताह ने प्रभु से यह मन्नत मानी। उसने कहा, ‘यदि तू अम्मोनियों को मेरे हाथ में सौंप देगा, तो जब मैं अम्मोनियों के पास से सकुशल लौटूँगा तब जो मुझ से भेंट करने के लिए घर के द्वार से सब से पहले बाहर निकलेगा, वह प्रभु का होगा। मैं उसे अग्नि-बलि के रूप में अर्पित करूँगा।’
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