गिलआद प्रदेश का रहनेवाला यिफ्ताह एक महाबली योद्धा था। लेकिन वह वेश्या का पुत्र था। यिफ्ताह का पिता गिलआद था। गिलआद को अपनी पत्नी से भी अनेक पुत्र हुए। जब उसकी पत्नी के ये पुत्र बड़े हुए, तब उन्होंने यिफ्ताह को निकाल दिया। उन्होंने उससे कहा, ‘तू हमारे पितृकुल में उत्तराधिकारी नहीं बन सकता; क्योंकि तू किसी दूसरी स्त्री का पुत्र है।’ अत: यिफ्ताह अपने भाइयों के पास से भाग गया, और टोब प्रदेश में रहने लगा। यिफ्ताह के पास गुंडे एकत्र हो गए। वे उसके साथ छापा मारते थे। कुछ समय के पश्चात् अम्मोनी जाति ने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया। जब अम्मोनियों ने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध छेड़ा, तब गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्ध यिफ्ताह को टोब प्रदेश से लाने के लिए वहाँ गए। उन्होंने यिफ्ताह से कहा, ‘चल; हमारा सेनानायक बन, जिससे हम अम्मोनी जाति से युद्ध कर सकें।’ यिफ्ताह गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों से बोला, ‘क्या आप मुझ से घृणा नहीं करते? क्या आपने ही मुझे पितृकुल से बाहर नहीं निकाला? अब, जब आप संकट में हैं, तब क्यों मेरे पास आए?’ गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों ने यिफ्ताह से कहा, ‘इसीलिए तो हम तेरे पास आए हैं। हमारे साथ चल। अम्मोनी जाति से युद्ध कर। केवल हमारा नेता नहीं वरन् गिलआद प्रदेश के समस्त निवासियों का नेता बन।’ यिफ्ताह ने गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों से कहा, ‘मेरी यह शर्त है : यदि आप मुझे अम्मोनियों से युद्ध करने के लिए वापस ले जाएँगे, और प्रभु उन्हें मुझे सौंप देगा, तो मैं आप सबका नेता होऊंगा।’ गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों ने यिफ्ताह से कहा, ‘प्रभु हमारी इस बात का साक्षी होगा। निश्चय हम तेरी शर्त के अनुसार कार्य करेंगे।’
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