याकूब 3:3-6

याकूब 3:3-6 HINCLBSI

यदि हम घोड़ों को वश में रखने के लिए उनके मुँह में लगाम लगाते हैं, तो उनके सारे शरीर को इधर-उधर घुमा सकते हैं। जलयान का भी उदाहरण लीजिए। वह कितना ही बड़ा क्‍यों न हो और तेज हवा से भले ही बहाया जा रहा हो, तब भी वह कर्णधार की इच्‍छा के अनुसार एक छोटी-सी पतवार से चलाया जाता है। इसी प्रकार जीभ शरीर का एक छोटा-सा अंग है, किन्‍तु वह शक्‍तिशाली होने का दावा कर सकती है। देखिए, एक छोटी-सी चिनगारी कितने विशाल वन में आग लगा सकती है। जीभ भी एक आग है। उसमें अधर्म का संसार भरा पड़ा है। हमारे अंगों में जीभ ही है जो हमारा समस्‍त शरीर दूषित करती और नरकाग्‍नि से प्रज्‍वलित हो कर हमारे भव-चक्र में आग लगा देती है।

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