यशायाह 38:13-16

यशायाह 38:13-16 HINCLBSI

मैं प्रात: काल तक सहायता के लिए पुकारता रहा। सिंह के सदृश वह मेरी हड्डियों को तोड़ता रहा। सबेरे से शाम तक वह मेरे जीवन का अन्‍त कर रहा है! मैं सूपाबेनी अथवा सारस के समान चूं-चूं करता हूं; कबूतर जैसे मैं कराहता हूं; मेरी आंखें ऊपर देखते-देखते पथरा गईं। स्‍वामी, मैं कष्‍ट में हूं; तू मुझे सहारा दे! मैं क्‍या कह सकता हूं? उसी ने मुझ से जैसा कहा था वैसा ही मेरे साथ किया है! मेरे प्राण की कड़ुआहट के कारण मेरी आंखों की नींद उड़ गई। स्‍वामी, इन्‍हीं बातों के कारण मनुष्‍य जीते हैं; इन्‍हीं बातों में मेरी आत्‍मा का जीवन है! प्रभु, मुझे पुन: स्‍वस्‍थ कर दे, मुझे जीवन-दान दे।