होशे 10:1-7

होशे 10:1-7 HINCLBSI

इस्राएल एक लहलहाती दाख-लता है। उसमें फल भी लगते हैं। पर जैसे-जैसे उसके फलों की वृद्धि होती है वह देवी-देवताओं की वेदियों की संख्‍या बढ़ाता जाता है। जैसे-जैसे उसका देश उन्नति करता है, वह पूजा-स्‍तम्‍भों को सुन्‍दर बनाता है। इस्राएलियों की निष्‍ठा विभाजित है; अत: अब उन्‍हें अपने कुकर्मों का फल भुगतना होगा। प्रभु उनकी वेदियों को तोड़ देगा उनके पूजा-स्‍तम्‍भों के टुकड़े-टुकड़े करेगा। अब वे यह कहेंगे, ‘हमारा कोई राजा नहीं है। हम प्रभु से नहीं डरते। राजा? वह हमारे लिए क्‍या कर सकता है?’ वे सिर्फ बातें बनाते हैं; वे झूठी शपथ खाकर झूठा समझौता करते हैं। जैसे जुते हुए खेतों में धतूरे के पौधे फूलते हैं, वैसे ही न्‍याय-दण्‍ड अंकुरित होगा! सामरी राज्‍य के निवासी बेत-आवेन के बछड़े की मूर्ति के लिए चिंतित हैं; बछड़े के आराधक उसके लिए शोक मना रहे हैं। पुजारी मूर्ति की महिमा के लिए विलाप कर रहे हैं; क्‍योंकि वह वहाँ से निष्‍कासित हो गई है। उनके शत्रु बछड़े की मूर्ति को असीरिया देश ले जाएंगे; वे उसको अपने सम्राट के सम्‍मुख भेंट के रूप में प्रस्‍तुत करेंगे। तब एफ्रइम अपमानित होगा; इस्राएल अपनी मूर्ति के कारण लज्‍जित होगा। सामरी राज्‍य का राजा जल के बुलबुले के समान मिट जाएगा।

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