इब्रानियों 7:22-25

इब्रानियों 7:22-25 HINCLBSI

इस प्रकार, हम देखते हैं कि येशु जिस विधान का उत्तरदायित्‍व लेते हैं, वह कहीं अधिक श्रेष्‍ठ है। इसके अतिरिक्‍त पहले के पुरोहित बड़ी संख्‍या में नियुक्‍त किये जाते रहे हैं, क्‍योंकि मृत्‍यु के कारण अधिक समय तक पुरोहित-पद पर बना रहना उनके लिए सम्‍भव नहीं था। किन्‍तु येशु सदा बने रहते हैं, इसलिए उनका पुरोहितत्‍व अद्वितीय एवं चिरस्‍थायी है। यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्‍वर की शरण लेते हैं, वह उन्‍हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्‍योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।

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