इब्रानियों 6:16-20

इब्रानियों 6:16-20 HINCLBSI

लोग अपने से बड़े का नाम ले कर शपथ खाते हैं। उन में शपथ द्वारा कथन की पुष्‍टि होती है और सारा विवाद समाप्‍त हो जाता है। परमेश्‍वर प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारियों को सुस्‍पष्‍ट रूप से अपने संकल्‍प की अपरिवर्तनीयता दिखलाना चाहता था, इसलिए उसने शपथ खा कर प्रतिज्ञा की। वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्‍होंने परमेश्‍वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें। वह आशा हमारी आत्‍मा के लिए एक सुस्‍थिर एवं सुदृढ़ लंगर के सदृश है, जो परदे के उस पार स्‍वर्गिक मन्‍दिरगर्भ में पहुँचता है, जहाँ येशु हमारे अग्रदूत के रूप में प्रवेश कर चुके हैं; क्‍योंकि वह मलकीसेदेक के अनुरूप सदा के लिए महापुरोहित बन गये हैं।