तू गोफेर वृक्ष की लकड़ी का एक जलयान बना। तू उसमें कमरे बनाना। उसके बाहर-भीतर राल भी पोत देना। इस रीति से तू जलयान बनाना : जलयान की लम्बाई डेढ़ सौ मीटर, चौड़ाई पचीस मीटर और ऊंचाई पंद्रह मीटर रखना। जलयान में एक झरोखा बनाना और उसके आधा मीटर ऊपर छत बनाना। जलयान में एक ओर द्वार रखना। तू जलयान को तीन खण्डों का बनाना : निचला खण्ड, बिचला खण्ड और उपरला खण्ड। मैं आकाश के नीचे उन सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्वास है, नष्ट करने के लिए पृथ्वी पर जल-प्रलय करूंगा। पृथ्वी के सब प्राणी मर जाएंगे। परन्तु मैं तेरे साथ अपना विधान स्थापित करूंगा। तू अपनी पत्नी, अपने पुत्रों, और बहुओं सहित जलयान में प्रवेश करना। प्रत्येक जाति के जीवित प्राणियों में से दो-दो, नर और मादा, अपने साथ जलयान में ले जाना जिससे वे तेरे साथ जीवित रहें। प्रत्येक जाति के पक्षियों, पशुओं, भूमि पर रेंगनेवाले जन्तुओं में से दो-दो तेरे पास आएंगे कि तू उनको जीवित रखे। प्रत्येक प्रकार का भोज्य पदार्थ, जो खाया जाएगा, एकत्र कर लेना। वह तेरे और उनके भोजन के लिए होगा।’ नूह ने ऐसा ही किया। उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार सब कुछ किया।
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