उत्‍पत्ति 38:11-30

उत्‍पत्ति 38:11-30 HINCLBSI

यहूदा ने अपनी बहू तामार से कहा, ‘जब तक मेरा पुत्र शेला युवा न हो जाए, तुम अपने पिता के घर में विधवा के सदृश रहो।’ यहूदा सोचता था कि ऐसा न हो कि शेला भी अपने भाइयों के समान मर जाए। अत: तामार चली गई। वह अपने पिता के घर में रहने लगी। बहुत दिन बीत गए। शूआ की पुत्री अर्थात् यहूदा की पत्‍नी की मृत्‍यु हो गई। उसने अपनी पत्‍नी के लिए शोक मनाया। जब शोक के दिन समाप्‍त हुए और उसको सान्‍त्‍वना प्राप्‍त हुई, तब वह अपने अदुल्‍लामी मित्र हीरा के साथ तिम्‍नाह नगर गया, जहाँ उसकी भेड़-बकरी का ऊन कतरने वाले रहते थे। किसी ने तामार को बताया, ‘तुम्‍हारा ससुर अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतरने के लिए तिम्‍नाह नगर जा रहा है।’ तामार ने विधवा के वस्‍त्र उतार दिए। उसने एक बुरका ओढ़ कर अपने को ढांप लिया और वह तिम्‍नाह के मार्ग पर स्‍थित ए-नईम नगर के प्रवेश-द्वार पर बैठ गई। तामार ने देखा कि उसका देवर शेला जवान हो गया है; पर उसके साथ उसका विवाह नहीं किया गया। जब यहूदा ने तामार को देखा, तब उसे देवदासी समझा; क्‍योंकि वह अपना मुख ढांपे हुए थी। वह मार्ग के किनारे उसके पास गया। उसने तामार से कहा, ‘मुझे अपने साथ सहवास करने दो।’ यहूदा नहीं जानता था कि वह उसकी बहू है। तामार बोली, ‘यदि मैं आपको अपने साथ सहवास करने दूं, तो आप मुझे क्‍या देंगे?’ यहूदा बोला, ‘मैं रेवड़ में से एक बकरी का बच्‍चा तुझे भेज दूंगा।’ तामार ने कहा, ‘जब तक आप उसे भेजेंगे, तब तक क्‍या आप मेरे पास कुछ रेहन रखेंगे?’ यहूदा ने पूछा, ‘मैं रेहन में तुम्‍हें क्‍या दूं?’ तामार ने उत्तर दिया, ‘आपकी मोहर, गले की डोरी और आपके हाथ का डंडा।’ यहूदा ने ये वस्‍तुएँ उसे दे दीं और उसके साथ सहवास किया। तामार उससे गर्भवती हुई। तत्‍पश्‍चात् वह उठकर चली गई। उसने बुरका उतार दिया और विधवा के वस्‍त्र पहिन लिये। यहूदा ने अपने अदुल्‍लामी मित्र हीरा के हाथ बकरी का एक बच्‍चा भेजा कि वह देवदासी के हाथ से रेहन छुड़ा ले। परन्‍तु वह उसको न मिली। हीरा ने उस स्‍थान के लोगों से पुछा, ‘वह देवदासी कहां है जो ए-नईम के प्रवेश-द्वार पर मार्ग के किनारे बैठी थी?’ उन्‍होंने कहा, ‘यहाँ कोई देवदासी नहीं थी।’ उसने लौटकर यहूदा से कहा, ‘मुझे वह नहीं मिली। उस स्‍थान के लोगों का कहना है, यहाँ कोई देवदासी नहीं थी।’ यहूदा बोला, ‘अच्‍छा, वह रेहन की चीजें अपने पास रख ले। अन्‍यथा यहाँ के लोग हमारा मजाक उड़ाएंगे। मैं उसका मूल्‍य चुकाना चाहता था। इसलिए मैंने यह बकरी का बच्‍चा भेजा था, किन्‍तु वह तुम्‍हें नहीं मिली।’ लगभग तीन महीने के पश्‍चात् यहूदा को किसी ने बताया, ‘तुम्‍हारी बहू तामार ने व्‍यभिचार किया है। उसे व्‍यभिचार से गर्भ भी है।’ यहूदा ने कहा, ‘उसे बाहर निकालकर जला दो।’ जब लोग उसे बाहर निकाल रहे थे तब उसने अपने ससुर को यह सन्‍देश भेजा, ‘जिस व्यक्‍ति की ये वस्‍तुएँ हैं, उसका मुझे गर्भ है। कृपया ध्‍यान से देखिए कि ये वस्‍तुएँ−मोहर, डोरी और डण्‍डा−किस व्यक्‍ति की हैं?’ यहूदा ने उन्‍हें पहचान लिया। उसने कहा, ‘वह मुझसे अधिक धार्मिक है; क्‍योंकि मैंने उसके प्रति अपने कर्त्तव्‍य को पूरा नहीं किया और अपने पुत्र शेला का विवाह उससे नहीं किया।’ उस ने तामार के साथ फिर कभी सहवास नहीं किया। जब तामार का प्रसव-काल आया तब ज्ञात हुआ कि उसके गर्भ में जुड़वां बच्‍चे हैं। जब वह बच्‍चों को जन्‍म दे रही थी तब एक बच्‍चे ने हाथ बाहर निकाला। दाई ने उसका हाथ पकड़ा और उस पर एक लाल डोरा बांध कर कहा, ‘यह गर्भ से पहिले बाहर निकला।’ परन्‍तु जब बच्‍चे ने अपना हाथ भीतर कर लिया तब उसका भाई बाहर निकला। दाई ने कहा, ‘अरे! तूने स्‍वयं ही निकलने का मार्ग बना लिया।’ अतएव उसका नाम ‘पेरेस’ रखा गया। उसके जन्‍म के पश्‍चात् उसका भाई जिसके हाथ पर लाल डोरा बंधा था, गर्भ से बाहर निकला। उसका नाम ‘जेरह’ रखा गया।