परमेश्वर ने कहा, ‘समुद्र जीवित जलचरों के झुण्ड के झुण्ड उत्पन्न करें तथा पक्षी पृथ्वी पर आकाश के मेहराब में उड़ें।’ इस प्रकार परमेश्वर ने बड़े-बड़े जल-जन्तुओं और गतिमान जलचरों को, जो झुण्ड के झुण्ड समुद्र में तैरते हैं, उनकी जाति के अनुसार उत्पन्न किया। उसने सब पंखवाले पक्षियों को भी उनकी जाति के अनुसार उत्पन्न किया। परमेश्वर ने देखा कि वे अच्छे हैं। परमेश्वर ने उन्हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो, और समुद्रों को भर दो। पक्षी भी पृथ्वी में असंख्य हो जाएँ।’ सन्ध्या हुई, फिर सबेरा हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन बीत गया।
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