गलातियों 4:12-20

गलातियों 4:12-20 HINCLBSI

भाइयो और बहिनो! आप मुझ-जैसे बनें, जिस तरह मैं आप लोगों-जैसा बन गया हूँ। यही आप से मेरा अनुरोध है। आप लोगों ने मेरे साथ कोई अन्‍याय नहीं किया। आप जानते हैं कि अस्‍वस्‍थ होने के कारण मुझे आप को पहली बार शुभ समाचार सुनाने का अवसर मिला। यद्यपि मैं अपने शरीर की दुर्बलता के कारण आप लोगों के लिए परीक्षा बना, फिर भी आपने न तो मेरा तिरस्‍कार किया और न मेरे प्रति घृणा प्रकट की, बल्‍कि आपने मेरा ऐसा स्‍वागत किया, मानो मैं परमेश्‍वर का दूत या स्‍वयं येशु मसीह हूं। उस समय आप लोग अपने को धन्‍य समझते थे। अब आप लोगों का वह मनोभाव कहाँ गया? मैं आप के विषय में यह कह सकता हूँ कि यदि सम्‍भव होता, तो आप अपनी आँखें निकाल कर मुझे दे देते! क्‍या मैं अब आपका शत्रु इसलिए बन गया हूँ कि मैं आप लोगों से सत्‍य बोल रहा हूँ? जो लोग आपकी कृपा प्राप्‍त करने में लगे हुए हैं, वे अच्‍छे उद्देश्‍य से ऐसा नहीं कर रहे हैं। वे आप को मुझ से अलग करना चाहते हैं, जिससे आप उन्‍हें सिर-आँखों पर रखें। यह अच्‍छी बात है कि लोग आपकी कृपा चाहते हैं; परन्‍तु यह अच्‍छे उद्देश्‍य से हो और सदा रहे, केवल उस समय तक नहीं जब तक मैं आपके बीच विद्यमान हूं। मेरे प्रिय बच्‍चो! जब तक तुम में मसीह का स्‍वरूप नहीं बन जाये, तब तक मैं तुम्‍हारे लिए फिर प्रसव-पीड़ा सह रहा हूँ। मैं कितना चाहता हूँ कि मैं अभी तुम्‍हारे बीच विद्यमान होता जिससे मैं उपयुक्‍त भाषा का प्रयोग कर सकूं, क्‍योंकि मेरी समझ में नहीं आता कि मैं तुम से क्‍या कहूँ।