गलातियों 3:6-14

गलातियों 3:6-14 HINCLBSI

धर्मग्रन्‍थ में कहा गया है कि “अब्राहम ने परमेश्‍वर में विश्‍वास किया और इसी से वह धार्मिक माने गये।” इसलिए आप लोग यह निश्‍चित रूप से जान लें कि जो लोग विश्‍वास करते हैं, वे ही अब्राहम की सन्‍तान हैं। धर्मग्रन्‍थ पहले से यह जानता था कि परमेश्‍वर विश्‍वास द्वारा गैर-यहूदियों को धार्मिक ठहरायेगा, इसलिए उसने पहले से अब्राहम को यह शुभ समाचार सुनाया कि “तेरे द्वारा पृथ्‍वी की समस्‍त जातियाँ आशीर्वाद प्राप्‍त करेंगी।” इसलिए जो विश्‍वास पर निर्भर रहते हैं, वे विश्‍वास करने वाले अब्राहम के साथ ही आशीर्वाद प्राप्‍त करते हैं। परन्‍तु जो व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं; क्‍योंकि लिखा है: “जो व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ में लिखी हुई सभी बातों का पालन नहीं करता रहता है, वह शापित है।” यह तो स्‍पष्‍ट है कि कोई भी व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था के कारण परमेश्‍वर की दृष्‍टि में धार्मिक नहीं ठहरता; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है: “धार्मिक मनुष्‍य विश्‍वास के द्वारा जीवन प्राप्‍त करेगा।” और व्‍यवस्‍था का विश्‍वास से कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है; क्‍योंकि उसमें लिखा है, “जो इन बातों का पालन करेगा, उसे इन्‍हीं के द्वारा जीवन प्राप्‍त होगा।” मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्‍होंने हम को व्‍यवस्‍था के अभिशाप से मुक्‍त किया; क्‍योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।” यह इसलिए हुआ कि येशु मसीह के द्वारा अब्राहम का आशीर्वाद गैर-यहूदियों को भी प्राप्‍त हो और हमें विश्‍वास द्वारा वह आत्‍मा मिले, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी।

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