निर्गमन 3:1-8

निर्गमन 3:1-8 HINCLBSI

एक दिन मूसा अपने ससुर यित्रो, मिद्यान देश के पुरोहित, की भेड़-बकरियां चरा रहे थे। वह उन्‍हें निर्जन प्रदेश की पश्‍चिम दिशा में ले गए। वह परमेश्‍वर के पर्वत होरेब के पास आए। प्रभु के दूत ने उन्‍हें झाड़ी के मध्‍य अग्‍नि-शिखा में दर्शन दिया। मूसा ने देखा कि अग्‍नि से झाड़ी जल तो रही है पर वह भस्‍म नहीं हो रही है। मूसा ने कहा, ‘मैं उधर जाकर इस महान दृश्‍य को देखूंगा कि झाड़ी क्‍यों नहीं भस्‍म हो रही है।’ जब प्रभु परमेश्‍वर ने देखा कि मूसा झाड़ी को देखने के लिए आ रहे हैं तब उसने झाड़ी के मध्‍य से मूसा को पुकारा, ‘मूसा! मूसा!!’ वह बोले, ‘क्‍या आज्ञा है?’ प्रभु ने कहा, ‘निकट मत आ। पैरों से जूते उतार; क्‍योंकि जिस स्‍थान पर तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है।’ प्रभु ने फिर कहा, ‘मैं तेरे पिता का परमेश्‍वर, अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याकूब का परमेश्‍वर हूं।’ मूसा ने अपना मुंह ढक लिया; क्‍योंकि वह परमेश्‍वर पर दृष्‍टि करने से डरते थे। प्रभु ने कहा, ‘मैंने निश्‍चय ही अपनी प्रजा की, जो मिस्र देश में है, दु:ख-पीड़ा देखी है। उनसे बेगार कराने वालों के कारण उत्‍पन्न उनकी दुहाई सुनी है। मैं उनके दु:ख को जानता हूं। मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्‍हें मुक्‍त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्‍हें एक अच्‍छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्‍जी, हिव्‍वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।