निर्गमन 26:15-37

निर्गमन 26:15-37 HINCLBSI

‘तू निवास-स्‍थान के लिए बबूल की लकड़ी के सीधे-खड़े तख्‍ते बनाना। प्रत्‍येक तख्‍ते की लम्‍बाई साढ़े चार मीटर, और चौड़ाई साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर होगी। उन्‍हें परस्‍पर जोड़ने के लिए प्रत्‍येक तख्‍ते में दो चूलें रहेंगी। तू निवास-स्‍थान के सब तख्‍तों में चूलें बनाना। निवास-स्‍थान के लिए तख्‍ते इस प्रकार बनाना : निवास-स्‍थान के दक्षिणी भाग के लिए बीस तख्‍ते। तू इन बीस तख्‍तों के नीचे चांदी की चालीस आधार-पीठिकाएँ बनाना। एक तख्‍ते के नीचे उसकी चूलों के लिए दो आधार-पीठिकाएँ और दूसरे तख्‍तों के नीचे भी उनकी दोनों चूलों के लिए दो-दो आधार-पीठिकाएँ। निवास-स्‍थान की दूसरी ओर, उत्तरी भाग में बीस तख्‍ते: उनके लिए भी चांदी की चालीस आधार-पीठिकाएँ बनाना। प्रत्‍येक तख्‍ते के नीचे दो आधार-पीठिकाएँ। तू पश्‍चिमी दिशा में निवास-स्‍थान के पिछले भाग के लिए छ: तख्‍ते बनाना। तू निवास-स्‍थान के कोनों के लिए पिछले भाग में दो तख्‍ते बनाना। वे नीचे तो अलग-अलग होंगे, किन्‍तु ऊपर की ओर पहले कड़े पर जुड़े हुए होंगे। दोनों तख्‍तों का यही रूप होगा। ये दो कोने बनाएँगे। यों आठ तख्‍ते, और चांदी की सोलह आधार-पीठिकाएँ होंगी : एक तख्‍ते के नीचे दो आधार-पीठिकाएँ, इसी प्रकार दूसरे तख्‍तों के नीचे दो-दो आधार-पीठिकाएँ। ‘तू बबूल की लकड़ी की छड़ें बनाना। निवास-स्‍थान की एक ओर के तख्‍तों के लिए पांच, दूसरी ओर के तख्‍तों के लिए पांच, तथा पश्‍चिम की ओर निवास-स्‍थान के पिछले भाग के तख्‍तों के लिए पांच। तख्‍तों के बीचों-बीच, मध्‍यवर्ती छड़ निवास-स्‍थान के एक छोर से दूसरे छोर तक जाएगी। तू तख्‍तों को सोने से मढ़ना। तत्‍पश्‍चात् तू उनके कड़ों को, जो छड़ों के जकड़-पट्टा होंगे, सोने के बनाना। तू छड़ों को भी सोने से मढ़ना। तू निवास-स्‍थान को उसकी योजना के अनुसार खड़ा करना, जो तुझे पर्वत पर दिखाई गई है। ‘तू नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र से, पतले सूत से बुने हुए वस्‍त्र से एक अन्‍त:पट बनाना। उस पर कुशलता से करूबों के चित्र काढ़ना। तू उसे बबूल की लकड़ी के, और सोने से मढ़े हुए, चार खम्‍भों पर लटकाना। वे चांदी की चार आधार-पीठिकाओं में लगे हुए और सोने के छल्‍लों में फंसे हुए होने चाहिए। तू अन्‍त:पट को अंकड़ों द्वारा लटकाना, और साक्षी-मंजूषा को अन्‍त:पट के पीछे भीतर ले आना। अन्‍त:पट तुम्‍हारे लिए पवित्र स्‍थान को महापवित्र स्‍थान से अलग करेगा। तू महापवित्र स्‍थान में साक्षी-मंजूषा के ऊपर दया-आसन को रखना। तू अन्‍त:पट के बाहर मेज को, और उसके सामने निवास-स्‍थान के दक्षिणी भाग में दीपाधार को रखना। उत्तरी भाग में मेज रखना। ‘तू तम्‍बू के द्वार के लिए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र से, पतले सूत से बुने हुए वस्‍त्र से, जिसपर बेल-बूटे काढ़े गए हों, एक परदा बनाना। तू परदे के लिए बबूल की लकड़ी के, और सोने से मढ़े हुए, पांच खम्‍भे बनाना। उनके छल्‍ले सोने के होंगे। तू उनके लिए पीतल की पांच आधार-पीठिकाएँ ढालना।