निर्गमन 25:23-30

निर्गमन 25:23-30 HINCLBSI

‘तू बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनाना। उसकी लम्‍बाई नब्‍बे सेंटीमीटर, चौड़ाई पैंतालीस सेंटीमीटर, और ऊंचाई साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर होगी। तू उसे शुद्ध सोने से मढ़ना और उसके चारों ओर सोने की भित्ती बनाना। तू उसके चारों ओर साढ़े सात सेंटीमीटर चौड़ा चौखटा बनाना और इस चौखटे के चारों ओर सोने की भित्ती बनाना। तू उसके लिए सोने के चार कड़े बनाना, और उसके चारों पायों के किनारे में कड़ों को लगा देना। चारों कड़े चौखटे के निकट ही होने चाहिए जिससे वे मेज़ को उठाने के लिए डण्‍डों के जकड़-पट्टे का काम दें। तू बबूल की लकड़ी के डण्‍डे बनाना, और उन्‍हें सोने से मढ़ना। मेज़ उन्‍हीं के सहारे उठाई जाएगी। तू धूप के लिए परात, धूपदान, तथा पेयार्पण के लिए सुराहियाँ और चषक बनाना। तू इन्‍हें शुद्ध सोने से बनाना। तू मेज़ पर मेरे सम्‍मुख भेंट की रोटियाँ निरन्‍तर रखना।