निर्गमन 12:5-13

निर्गमन 12:5-13 HINCLBSI

तुम्‍हारा मेमना निष्‍कलंक, नर और एक वर्ष का होना चाहिए। तुम उसे भेड़ों अथवा बकरियों के झुण्‍ड से लेना। तुम उसे इस महीने के चौदहवें दिन तक जीवित रखना। उस दिन गोधूली के समय इस्राएली मंडली की समस्‍त धर्मसभा अपने-अपने मेमने का वध करेगी। तत्‍पश्‍चात् वे उसका कुछ रक्‍त लेंगे और जिन घरों में वे उसे खाएंगे, उनके द्वार के दोनों बाजुओं और चौखट के सिरे पर उसे लगा देंगे। वे उसी रात मेमने का मांस अग्‍नि में भूनकर खाएँगे। वे मांस को बेखमीर रोटी और कड़वे साग-पात के साथ खाएँगे। मेमने के मांस को कच्‍चा अथवा जल में उबालकर मत खाना, वरन् सिर, पैर और अंतड़ियों सहित उसको अग्‍नि में भूनकर खाना। तुम उसका अवशेष सबेरे तक न छोड़ना। यदि कुछ मांस सबेरे तक रह जाएगा तो उसे अग्‍नि में जला देना। तुम उसे ऐसी स्‍थिति में खाओगे : अपनी कमर कसे, पैरों में जूते पहिने और हाथ में लाठी लिये हुए तुम मांस को शीघ्रता से खाना। यह प्रभु का ‘पारगमन’ है। मैं इस रात मिस्र देश में विचरण करूँगा, और समस्‍त देश के मनुष्‍यों और पशुओं के पहिलौठों को मारूँगा। मैं मिस्र देश के सब देवताओं को दण्‍ड दूंगा। मैं प्रभु हूं। जिन घरों में तुम रहते हो, उन पर लगाया हुआ रक्‍त तुम्‍हारे लिए एक चिह्‍न होगा। जब मैं उस रक्‍त को देखूंगा तब आगे बढ़ जाऊंगा। जब मैं मिस्र देश को मारूंगा तब तुम्‍हें नष्‍ट करने के लिए तुम पर महामारी का आक्रमण न होगा।