एस्‍तर 4:9-14

एस्‍तर 4:9-14 HINCLBSI

हताख लौटा। उसने मोरदकय की बातें एस्‍तर को बताईं। एस्‍तर ने हताख से बात की, और उसको मोरदकय के लिए यह सन्‍देश दिया: ‘महाराज के सब सेवक तथा साम्राज्‍य के सब प्रदेशों के निवासी यह बात जानते हैं कि जो स्‍त्री या पुरुष बिना बुलाए महल के अन्‍त:पुर में प्रवेश करेगा, उसके लिए केवल एक नियम है : प्राणदण्‍ड! यह नियम सब पर लागू है और केवल वह व्यक्‍ति प्राणदण्‍ड से बच सकता है जिसकी ओर महाराज अपने स्‍वर्ण राजदण्‍ड से संकेत करते हैं। मैं तीस दिन से महाराज के पास नहीं बुलाई गई हूँ।’ सन्‍देशवाहकों ने एस्‍तर का सन्‍देश मोरदकय को दिया, किन्‍तु मोरदकय ने उनसे कहा कि वे एस्‍तर के पास लौट जाएं और उससे यह कहें: ‘तू अपने मन में यह मत सोच कि तू अन्‍य यहूदियों की अपेक्षा राजमहल में सुरक्षित है, और बच जाएगी। यदि तू ऐसे संकट के समय में चुप रहेगी तो भी कहीं न कहीं से यहूदियों को सहायता प्राप्‍त हो जाएगी, और वे इस संकट से मुक्‍त हो जाएंगे, पर तू और तेरा पितृकुल नष्‍ट हो जाएगा। कौन जानता है, ऐसे ही संकट के समय अपनी कौम को बचाने के लिए तुझे यह राजपद प्राप्‍त हुआ है?’

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