इफिसियों 5:3-14

इफिसियों 5:3-14 HINCLBSI

जैसा कि सन्‍तों के लिए उचित है, आप लोगों के बीच किसी प्रकार के व्‍यभिचार और अशुद्धता अथवा लोभ की चर्चा तक न हो, और न भद्दी, मूर्खतापूर्ण या अश्‍लील बातचीत; क्‍योंकि यह अशोभनीय है-बल्‍कि आप परमेश्‍वर को धन्‍यवाद दिया करें। आप लोग यह निश्‍चित रूप से जान लें कि कोई व्‍यभिचारी, लम्‍पट अथवा लोभी-जो मूर्तिपूजक के बराबर है-मसीह और परमेश्‍वर के राज्‍य का अधिकारी नहीं होगा। कोई निरर्थक तर्कों से आप लोगों को धोखा न दे। इन बातों के कारण परमेश्‍वर का क्रोध विद्रोही लोगों पर आ पड़ता है। इसलिए उन लोगों से कोई सम्‍बन्‍ध न रखें। आप लोग पहले ‘अन्‍धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्‍य होने के नाते ‘ज्‍योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्‍योति की सन्‍तान की तरह आचरण करें। जहाँ ज्‍योति है, वहाँ हर प्रकार की भलाई, धार्मिकता तथा सच्‍चाई उत्‍पन्न होती है। आप यह पता लगाते रहें कि कौन-सी बातें प्रभु को प्रिय हैं। जो व्‍यर्थ के काम लोग अन्‍धकार में करते हैं, उन में आप सम्‍मिलित न हों, वरन् उनकी बुराई प्रकट करें। जो काम वे गुप्‍त रूप से करते हैं, उनकी चर्चा करने में भी लज्‍जा आती है। ज्‍योति इन सब बातों की बुराई प्रकट करती और इनका वास्‍तविक रूप स्‍पष्‍ट कर देती है। ज्‍योति जिसे आलोकित करती है, वह स्‍वयं ज्‍योति बन जाता है। इसलिए कहा गया है : “हे सोने वाले, जाग! मृतकों में से जी उठ और मसीह तुम को आलोकित करेंगे।”

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो इफिसियों 5:3-14 से संबंधित हैं