सभा-उपदेशक 10:1-9

सभा-उपदेशक 10:1-9 HINCLBSI

मृत मक्खियाँ गंधी की सुगंध को दुर्गंध में बदल देती हैं, इसी प्रकार थोड़ी-सी मूर्खता बुद्धि और प्रतिष्‍ठा पर पानी फेर देती है। बुद्धिमान का हृदय उसे उचित मार्ग की ओर उन्‍मुख करता है, किन्‍तु मूर्ख का मन बुराई की ओर उसे प्रेरित करता है। जब मूर्ख मार्ग पर चलता है तब भी उसे समझ नहीं सूझती। वह सब राहगीरों से कहता है, ‘तुम मूर्ख हो।’ यदि शासक तुमसे नाराज हो तो तुम अपना स्‍थान मत छोड़ो। क्‍योंकि धैर्य गंभीर अपराध भी सुधार देता है। मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक बुराई देखी। इस बुराई का जिम्‍मेदार शासक है। मूर्ख ऊंचे स्‍थानों पर बैठाए जाते हैं, और धनी निम्‍न स्‍थानों में। मैंने गुलामों को घोड़ों पर जाते देखा है, जब कि शासक गुलामों की तरह पैदल चल रहे थे। जो दूसरे व्यक्‍ति के लिए गड्ढा खोदता है, वह स्‍वयं उसमें गिरेगा। जो चोरी के लिए दीवार में सेंध लगाता है, उसको सांप डसेगा। जो सीमा के पत्‍थरों को हटाता है, उसको पत्‍थरों से चोट लगेगी। जो सीमा के लट्ठों को चीरता है, उसे उनसे खतरा रहेगा।