सभा-उपदेशक 1:17-18
सभा-उपदेशक 1:17-18 HINCLBSI
अत: मैंने अपना मन यह जानने में लगाया कि बुद्धि क्या है, पागलपन और मूर्खता क्या है। तब मुझे ज्ञात हुआ कि यह भी हवा को पकड़ना है। क्योंकि− अधिक बुद्धि अधिक कष्ट की जननी है। ज्ञान बढ़ानेवाला अपने दु:ख को भी बढ़ाता है।