व्‍यवस्‍था-विवरण 8:10-18

व्‍यवस्‍था-विवरण 8:10-18 HINCLBSI

तू खा-पीकर तृप्‍त रहेगा। तू उस उत्तम देश के कारण जो तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे दिया है, प्रभु को धन्‍य-धन्‍य कहेगा। ‘सावधान! ऐसा न हो कि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं, न्‍याय-सिद्धान्‍तों और संविधियों को भूल जाए, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ और तू उनका पालन न करे। ऐसा न हो कि जब तू खा-पीकर तृप्‍त हो जाए और अच्‍छे-अच्‍छे मकान बनाकर उनमें रहने लगे, जब तेरे गाय-बैल, भेड़-बकरियाँ असंख्‍य हो जाएँ, तेरी सोना-चांदी भी बढ़ जाए, तेरे पास जो कुछ है, उसकी बढ़ोत्तरी हो जाए, तब तेरे हृदय में अहंकार आ जाए, और तू अपने प्रभु परमेश्‍वर को भूल जाए। ओ इस्राएल! मत भूलना कि प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे मिस्र देश से, दासत्‍व के घर से निकाला है। उसने विशाल और भयानक निर्जन प्रदेश में, आग्‍नेय सर्प, बिच्‍छुओं और प्‍यासी भूमि के देश में तेरा मार्गदर्शन किया है। जहाँ जल नहीं था वहाँ उसने तेरे लिए कड़ी चट्टान में से जल निकाला था। उसने निर्जन प्रदेश में तुझे “मन्ना” खिलाया था जिसको तेरे पूर्वज नहीं जानते थे। उसने तुझे पीड़ित किया, तुझे कसौटी पर कसा था, कि अन्‍त में तेरा भला करे। सावधान! ऐसा न हो कि तू अपने हृदय में कहे, “मैंने अपनी शक्‍ति से, अपने भुजबल से यह सम्‍पत्ति अर्जित की है।” तू अपने प्रभु परमेश्‍वर का स्‍मरण रखना; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर ही सम्‍पत्ति अर्जित करने के लिए तुझे शक्‍ति देता है, जिससे वह अपने विधान को, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई थी, पूरा करे, जैसा आज भी है।