व्‍यवस्‍था-विवरण 4:15-19

व्‍यवस्‍था-विवरण 4:15-19 HINCLBSI

‘तुम अत्‍यन्‍त सावधान रहना; क्‍योंकि जिस दिन प्रभु ने होरेब पर्वत पर अग्‍नि के मध्‍य में से तुमसे वार्तालाप किया था, तब तुमने कोई आकृति नहीं देखी थी। सावधान! ऐसा न हो कि तुम भ्रष्‍ट हो जाओ, और अपने लिए कोई मूर्ति, कोई आकृति, किसी की समानता में कोई प्रतिमा बनाओ : चाहे नर या नारी की समानता में, या पृथ्‍वी के किसी पशु की अथवा आकाश में उड़नेवाले किसी पंखधारी पक्षी की समानता में, अथवा भूमि पर रेंगनेवाले किसी जीव-जन्‍तु की या पृथ्‍वी के नीचे जल में तैरनेवाली किसी मछली की समानता में। सावधान! ऐसा न हो कि जब तुम आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ और सूर्य, चन्‍द्रमा और तारों को, आकाश की समस्‍त सेना को देखो, तब उनकी ओर खिंच जाओ, और उनकी वन्‍दना करो, उनकी सेवा करो। तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने आकाश के नीचे की समस्‍त जातियों में उनको बांट दिया है।