व्‍यवस्‍था-विवरण 33:18-29

व्‍यवस्‍था-विवरण 33:18-29 HINCLBSI

मूसा ने जबूलून कुल के विषय में यह कहा, ‘ओ जबूलून, व्‍यापार के उद्देश्‍य से की गई जल-यात्रा में, ओ इस्‍साकार, अपनी थल-यात्रा में आनन्‍द मना। वे लोगों को पहाड़ पर आमंत्रित करेंगे, वहाँ वे सफलता के लिए धर्ममय बलि चढ़ाएंगे। क्‍योंकि वे समुद्र के प्रचुर धन से, रेतकणों में छिपी सम्‍पत्ति से लाभ कमाते हैं।’ मूसा ने गाद कुल के विषय में यह कहा, ‘धन्‍य है प्रभु, जो गाद का राज्‍यक्षेत्र बढ़ाता है। सिंह के सदृश गाद लेटता है! वह शिकार की बांह चीरता, उसके सिर को फाड़ता है। उसने अपने लिए देश का सर्वोत्तम भाग चुना है, क्‍योंकि वहाँ उसके लिए सेनापति का भाग आरक्षित था। वह इस्राएली कुलों का नेता बन कर आया। उसने प्रभु के धर्म को पूरा किया, और इस्राएली समाज से उसके न्‍याय सिद्धान्‍तों का पालन कराया।’ मूसा ने दान कुल के विषय में यह कहा, ‘दान सिंह का बच्‍चा है! वह बाशान प्रदेश से कूदता है।’ मूसा ने नफ्‍ताली कुल के विषय में यह कहा, ‘ओ नफ्‍ताली! तू प्रभु की अनुकम्‍पा से सन्‍तुष्‍ट, और उसकी आशिषों से भरपूर है। गन्नेसरत झील और दक्षिणी क्षेत्र पर तेरा अधिकार है।’ मूसा ने आशेर कुल के विषय में यह कहा, ‘आशेर अपने भाइयों में सर्वाधिक धन्‍य हो। उस पर अन्‍य भाइयों की अनुकम्‍पा हो। उसके क्षेत्र में जैतून तेल की नदियां बहें। तेरे द्वार की सिटकनी लोहे और पीतल की हो। तेरी आयु के अन्‍त तक तेरी शक्‍ति बनी रहे। ‘यशूरून के परमेश्‍वर के सदृश और कोई ईश्‍वर नहीं है। वह तेरी सहायता के लिए आकाश के मध्‍य से, मेघों के बीच से गौरव में भरा, सवार होकर आता है! शाश्‍वत परमेश्‍वर तेरा आश्रय है; उसकी शाश्‍वत बाहें तेरा सहारा हैं। उसने तेरे सम्‍मुख से तेरे शत्रुओं को निकाला है। उसने ही तुझे यह आदेश दिया, “उन्‍हें नष्‍ट कर दो!” इस्राएल निरापद निवास करता है। याकूब के पुत्र अन्न और अंगूर के देश में एकान्‍त में शत्रुओं से सुरक्षित हैं। वहां आकाश ओस की वर्षा करता है। ओ इस्राएल, तू धन्‍य है! तेरे सदृश और कौन जाति है, जिसका प्रभु ने उद्धार किया है? वह तेरी सहायता के लिए ढाल, और विजय-प्राप्‍ति के हेतु तलवार है! तेरे शत्रु तेरी ठकुर-सुहाती करेंगे, पर तू उनके पहाड़ी शिखर के पूजा-स्‍थलों को रौंद देगा।’