‘यदि तेरे मध्य में किसी नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा का जन्म हो, वह तुझे चिह्न अथवा आश्चर्यपूर्ण कार्य दिखाए और जिस चिह्न अथवा आश्चर्यपूर्ण कार्य के विषय में वह बोला था, वह सच प्रमाणित हो जाए, और तब वह कहे, “आओ, हम दूसरे देवताओं का अनुसरण करें” , जिनको तू नहीं जानता है, और “आओ, हम उनकी आराधना करें” , तो तू उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा की बातों को मत सुनना; क्योंकि तेरा प्रभु परमेश्वर यह जानने के लिए तेरी परीक्षा ले रहा है, कि क्या तू अपने सम्पूर्ण हृदय से, सम्पूर्ण प्राण से अपने प्रभु परमेश्वर को प्रेम करता है। तू केवल अपने प्रभु परमेश्वर का अनुसरण करना, उसकी भक्ति करना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, और उसकी वाणी को सुनना। तू उसकी आराधना करना, और उससे सम्बद्ध रहना। किन्तु उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा को मृत्यु-दण्ड देना; क्योंकि उसने तुझे उस प्रभु परमेश्वर से विमुख करने वाले वचन कहे थे, जिसने तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला और तुझे दासत्व के घर से मुक्त किया है। उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा ने तुझे उस मार्ग से खींचा था, जिस पर चलने की आज्ञा तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दी है। तू अपने मध्य से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
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