वह इन देवताओं के स्थान पर ‘गढ़ के देवता’ की पूजा करेगा। इस देवता को उसके पूर्वज भी नहीं जानते थे। वह सोना, चांदी, बहुमूल्य मणि तथा कीमती भेंट अपने इस गढ़ देवता को चढ़ाएगा। वह एक विदेशी देवता की सहायता से सब सुदृढ़ गढ़ों पर आक्रमण करेगा। जो लोग उसको अपना शासक स्वीकार कर लेंगे, उनको वह बहुत सम्मान देगा। वह उनको अनेक लोगों पर शासक नियुक्त करेगा और उनको पुरस्कार में भूमि प्रदान करेगा। “अन्तिम समय में दक्षिण देश का राजा उस पर आक्रमण करेगा। किन्तु उत्तर देश का राजा रथों, घुड़सवारों और जहाजी बेड़ों के साथ बवंडर के समान उस पर टूट पड़ेगा। वह अनेक देशों में घुस जाएगा। वह उनको उलट-पुलट देगा और उनमें से गुजरता हुआ आगे बढ़ जाएगा। वह हमारे ‘वैभव-सम्पन्न देश’ में भी आएगा। हमारे देश के लाखों निवासी मौत के घाट उतारे जाएंगे। किन्तु एदोम और मोआब तथा अम्मोन देश का मुख्य भाग उसके विनाशकारी हाथ से बच जाएंगे। वह अन्य देशों को दबोचने के लिए अपना हाथ बढ़ाएगा और मिस्र देश उसके हाथ से बच नहीं सकेगा। वह मिस्र देश के सोने-चांदी तथा अन्य कीमती वस्तुओं का मालिक बन जएगा। लीबिया और इथियोपिआ देश के निवासी भी उसके अधीन हो जाएंगे। किन्तु पूर्व और उत्तर से समाचार आएगा, जिसे सुनकर वह व्याकुल हो जाएगा और क्रोध में भरा हुआ अनेक लोगों का नाश करने और उनको निर्वंश करने के लिए वहां से निकलेगा। वह समुद्र और तेजोमय पवित्र पर्वत के मध्य अपने राजसी तम्बू गाड़ेगा। तो भी उसका अन्त होगा ही। उसको बचाने वाला कोई न होगा।
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