आमोस 5:18-27

आमोस 5:18-27 HINCLBSI

तुम्‍हें धिक्‍कार है, तुम प्रभु के दिन की कामना करते हो। तुम्‍हें प्रभु का दिन क्‍यों चाहिए? प्रभु का दिन अन्‍धकारमय है, ज्‍योतिर्मय नहीं! इस दिन से बचना असंभव है! वह यों आएगा : जैसे सिंह के सम्‍मुख से कोई चरवाहा भागे, तो उसके सामने रीछ आ जाए! अथवा जब वह झोंपड़ी में प्रवेश करे, और दीवार पर अपने हाथ टेके तो सांप उसको डस ले! निस्‍सन्‍देह प्रभु का दिन अंधकारमय है, ज्‍योतिर्मय नहीं। घोर अंधकार, जिसमें तिलमात्र भी प्रकाश नहीं! ‘मैं तुम्‍हारे बलि-पर्वों से घृणा करता हूँ, मुझे वे पसन्‍द नहीं। मुझे तुम्‍हारी धर्म-महासभाओं में कुछ भी रुचि नहीं। तुम मुझे अग्‍नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हो, पर मैं उनको स्‍वीकार नहीं करूंगा। सहभागिता-बलि के रूप में चढ़ाए गए तुम्‍हारे मोटे-ताजे पशुओं की चर्बी पर मैं नजर भी नहीं डालूंगा। मुझे अपने भजन मत सुनाओ, उन्‍हें मुझसे दूर रखो; मैं तुम्‍हारी सारंगी का सुर नहीं सुनूंगा। परन्‍तु न्‍याय को जलधारा-सा और धर्म को निरन्‍तर बहनेवाले झरने की तरह सदा बहने दो! ‘ओ इस्राएल के वंशजो! क्‍या तुम्‍हारे पूर्वजों ने चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में पशु-बलि और अन्न-बलि चढ़ाई थी? कदापि नहीं! अत: तुम्‍हें अपने देवराज सक्‍कूत और नक्षत्र-देवता केवान की उन मुर्तियों को ढोना पड़ेगा, जिनको तुमने अपने लिए बना रखा है। मैं दमिश्‍क नगर के उस पार तुम्‍हें निष्‍कासित कर दूंगा।’ प्रभु ने यह कहा। प्रभु का नाम ‘स्‍वर्गिक सेनाओं का परमेश्‍वर’ है।

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