आमोस 3:1-15

आमोस 3:1-15 HINCLBSI

ओ इस्राएली कौम! मुझ-प्रभु का यह सन्‍देश सुन। मैं यह तेरे विरुद्ध, तेरी सारी कौम के विरुद्ध सुनाता हूं, जिसको मैं मिस्र देश से निकाल कर लाया था। पृथ्‍वी की सारी कौमों में से मैंने केवल तुझे ही चुना था। अत: मैं तेरे समस्‍त कुकर्मों के लिए तुझे ही दण्‍ड दूंगा।’ जब तक दो व्यक्‍ति पहले से समझौता न करें क्‍या वे एक-साथ चल सकते हैं? क्‍या सिंह बिना शिकार पाए जंगल में दहाड़ता है? क्‍या जवान सिंह भूखे पेट मांद में गुर्राता है? क्‍या पक्षी भूमि पर बिछे फंदे में बिना लासा के फंसता है? क्‍या बहेलिया पक्षी को फंदे में बिना फंसाए ही अपने जाल को समेटता है? क्‍या यह संभव है? नगर में नरसिंगा फूंका जाए और नागरिक भयभीत न हों? जब तक प्रभु किसी नगर पर विपत्ति नहीं ढाहता क्‍या उस नगर पर विपत्ति आ सकती है? निस्‍सन्‍देह स्‍वामी-प्रभु अपने सेवक नबियों पर अपना भेद प्रकट किए बिना कोई कार्य नहीं करता। जंगल में सिंह गरजा; कौन नहीं डरेगा? स्‍वामी-प्रभु ने सन्‍देश दिया; कौन नबूवत नहीं करेगा? असीरिया देश के गढ़ों में, मिस्र देश के किलों में यह घोषणा सुनाओ: ‘सामरी पहाड़ियों पर एकत्र हो, और वहाँ से सामरी राज्‍य के भीतर अशान्‍ति का नजारा देखो, अत्‍याचार और दमन के दृश्‍य देखो।’ प्रभु का यह कथन है: ‘वे सद्आचरण करना जानते ही नहीं। उन्‍होंने अपने गढ़ों में केवल हिंसा और लूट एकत्र की है।’ अत: स्‍वामी-प्रभु ने यों कहा है: ‘एक बैरी इस देश को घेर लेगा; वह तेरी रक्षा-पंिक्‍त को छिन्न-भिन्न करेगा, वह तेरे गढ़ों को लूटेगा।’ प्रभु यों कहता है: ‘जैसे चरवाहा सिंह के मुंह से अपनी भेड़ के दो पैर अथवा कान का एक टुकड़ा ही बचा पाता है, वैसे ही प्रभु सामरी राज्‍य में रहनेवाले केवल कुछ इस्राएलियों को ही बचा सकेगा; यह अल्‍पांश मानो मसनद का एक कोना अथवा पलंग के पाए का एक टुकड़ा है!’ स्‍वर्गिक सेनाओं का परमेश्‍वर, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : ‘सुनो, और याकूब के वंश के विरुद्ध साक्षी दो। जिस दिन मैं इस्राएली कौम को उसके अपराधों के लिए दण्‍ड दूंगा, उस दिन मैं बेतएल की वेदियों को भी दण्‍ड दूंगा, मैं वेदियों के कंगूरों को तोड़कर जमीन पर फेंक दूंगा। मैं सामरी नगर के ग्रीष्‍म महल और शीत महल को ध्‍वस्‍त कर दूंगा; मैं हाथी-दांत से सजे भवन और अन्‍य कोठियों को खण्‍डहर बना दूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।

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