प्रेरितों 21:27-32

प्रेरितों 21:27-32 HINCLBSI

सात दिन की अवधि पूरी होने पर थी कि आसिया के यहूदियों ने पौलुस को मन्‍दिर में देख कर समस्‍त जनसमूह को भड़का दिया। वे पौलुस को पकड़ कर चिल्‍लाने लगे, “इस्राएली भाइयो! हमारी सहायता कीजिये! यह वही व्यक्‍ति है, जो सब जगह सब लोगों में ऐसी शिक्षा का प्रचार करता है, जो हमारी जाति, हमारी व्‍यवस्‍था और इस मन्‍दिर के विरुद्ध है। यही नहीं, इसने यूनानियों को मन्‍दिर में लाकर इस पवित्र स्‍थान को भ्रष्‍ट कर दिया है।” वे इफिसुस-निवासी त्रोफ़िमुस को पौलुस के साथ नगर में देख चुके थे। इसलिये उन्‍होंने यह समझा कि पौलुस उसे मन्‍दिर में लाये हैं। सारे शहर में खलबली मच गयी और लोग चारों ओर से दौड़ते हुए एकत्र हो गये। वे पौलुस को पकड़ कर मन्‍दिर के बाहर खींच लाये और मन्‍दिर के द्वार तुरन्‍त बन्‍द कर दिये गये। वे पौलुस का वध करना चाहते ही थे कि रोमन सैन्‍यदल के नायक को सूचना मिली कि समस्‍त यरूशलेम में उपद्रव मचा हुआ है। वह तुरन्‍त सैनिकों तथा शतपतियों को ले कर भीड़ की ओर दौड़ पड़ा। जब लोगों ने सेना-नायक तथा सैनिकों को देखा, तो उन्‍होंने पौलुस को पीटना बन्‍द कर दिया।