प्रेरितों 20:22-32

प्रेरितों 20:22-32 HINCLBSI

“अब मैं आत्‍मा की प्रेरणा से विवश हो कर यरूशलेम जा रहा हूँ। वहाँ मुझ पर क्‍या बीतेगी, मैं यह नहीं जानता; केवल यह जानता हूं कि प्रत्‍येक नगर में पवित्र आत्‍मा मुझे स्‍पष्‍ट चेतावनी दे रहा है कि वहाँ बेड़ियाँ और कष्‍ट मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं। किन्‍तु मेरी दृष्‍टि में मेरे जीवन का कोई मूल्‍य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्‍त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्‍वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ। “मैं आप लोगों के बीच राज्‍य का सन्‍देश सुनाता रहा। अब, मैं जानता हूँ कि आप में कोई भी मेरा मुँह फिर कभी नहीं देख पायेगा। इसलिए मैं आज आप के सम्‍मुख साक्षी देता हूं कि मैं आप सब के रक्‍त से निर्दोष हूं; क्‍योंकि मैंने आप लोगों को परमेश्‍वर का सम्‍पूर्ण अभिप्राय बताने में कुछ भी उठा नहीं रखा। “आप लोग अपने लिए और सारे झुण्‍ड के लिए सावधान रहिए। पवित्र आत्‍मा ने आप को झुण्‍ड की रखवाली का भार सौंपा है, ताकि आप परमेश्‍वर की कलीसिया के सच्‍चे चरवाहे बने रहें, जिसे उसने अपने पुत्र का रक्‍त दे कर प्राप्‍त किया है। मैं जानता हूँ कि मेरे चले जाने के बाद खूंखार भेड़िये आप लोगों के बीच घुस आयेंगे, जो झुण्‍ड पर दया नहीं करेंगे। आप लोगों में भी ऐसे लोग निकल आयेंगे, जो शिष्‍यों को भटका कर अपने अनुयायी बनाने के लिए भ्रान्‍तिपूर्ण बातों का प्रचार करेंगे। इसलिए जागते रहिए और याद रखिए कि मैं आँसू बहा-बहा कर तीन वर्षों तक दिन-रात आप लोगों में हर एक को सावधान करता रहा। अब मैं आप लोगों को परमेश्‍वर के तथा उसके अनुग्रहपूर्ण वचन के संरक्षण में सौंपता हूं, जो आपका निर्माण करने तथा सब पवित्र किए हुए भक्‍तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।