प्रेरितों 2:1-21

प्रेरितों 2:1-21 HINCLBSI

जब पेंतेकोस्‍त पर्व का दिन आया और सब शिष्‍य एक स्‍थान पर इकट्ठे थे, तो अचानक बड़ी आँधी के झोंके जैसी आवाज आकाश से सुनाई पड़ी और सारा घर, जहाँ वे बैठे हुए थे, गूँज उठा। उन्‍हें एक प्रकार की आग दिखाई पड़ी, जो जीभों में विभाजित हो कर उन में से हर एक के ऊपर आ कर ठहर गयी। वे सब पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण हो गये और जो वाणी का वरदान पवित्र आत्‍मा ने उन्‍हें दिया, उस के अनुसार भिन्न-भिन्न भाषाओं में बोलने लगे। पृथ्‍वी के सब देशों से आये हुए भक्‍त यहूदी उस समय यरूशलेम में निवास कर रहे थे। जब यह आवाज हुई, तो भीड़ लग गई। लोग घबरा गये; क्‍योंकि हर एक अपनी-अपनी भाषा में शिष्‍यों को बोलते सुन रहा था। वे चकित रह गये और विस्‍मित हो कहने लगे, “क्‍या ये बोलने वाले सब-के-सब गलीली नहीं हैं? तो फिर हम में हर एक अपनी-अपनी जन्‍मभूमि की भाषा कैसे सुन रहा है? हम पारथी, मादी और एलामी लोग; मेसोपोतामिया, यहूदा और कप्‍पदूकिया, पोंतुस और आसिया, फ्रुगिया और पंफुलिया, मिस्र और कुरेने के निकटवर्ती लीबिया के निवासी; रोम के यहूदी तथा नवयहूदी प्रवासी, क्रेती और अरबी लोग − हम सब अपनी-अपनी भाषा में इन्‍हें परमेश्‍वर के महान कार्यों की चर्चा करते सुन रहे हैं।” वे सब चकित रह गये और दुविधा में पड़कर एक-दूसरे से कहने लगे, “यह क्‍या बात है?” परंतु दूसरों ने उपहास करते हुए कहा, “ये तो मदिरा पी कर मतवाले हो रहे हैं।” पतरस ने ग्‍यारहों के साथ खड़े हो कर लोगों को सम्‍बोधित करते हुए ऊंचे स्‍वर से कहा, “यहूदी भाइयो और यरूशलेम के सब निवासियो! आप मेरी बात ध्‍यान से सुनें और यह जान लें कि ये लोग मतवाले नहीं हैं, जैसा कि आप समझते हैं। अभी तो दिन के नौ बजे हैं। परंतु यह वह बात है, जिसके विषय में नबी योएल ने कहा है, परमेश्‍वर यह कहता है : ‘मैं अन्‍तिम दिनों में सब मनुष्‍यों पर अपना आत्‍मा उंडेलूंगा। तुम्‍हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्‍हारे नवयुवक दिव्‍य दर्शन पायेंगे और तुम्‍हारे बड़े-बूढ़े स्‍वप्‍न देखेंगे। मैं उन दिनों अपने दास-दासियों पर अपना आत्‍मा उंडेलूंगा और वे नबूवत करेंगे। मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कार्य और नीचे पृथ्‍वी पर चिह्‍न दिखाऊंगा, अर्थात् रक्‍त, अग्‍नि और उड़ता हुआ धुआँ। प्रभु के महान् तथा प्रकाशमान दिन के आगमन से पहले सूर्य अन्‍धकारमय हो जायेगा और चन्‍द्रमा रक्‍तमय। तब जो कोई प्रभु के नाम की दुहाई देगा, वह उद्धार पाएगा।’