प्रेरितों 13:6-12

प्रेरितों 13:6-12 HINCLBSI

वे पूरे द्वीप का दौरा करने के बाद पाफुस आये। वहां बर-येशु नामक एक यहूदी जादूगर और झूठे नबी से उनकी भेंट हुई, जो राज्‍यपाल सेरगियुस-पौलुस के साथ रहता था। राज्‍यपाल एक विचारशील व्यक्‍ति था। वह बरनबास तथा शाऊल को बुला कर परमेश्‍वर का वचन सुनना चाहता था। परन्‍तु बर-येशु ने, जिसका उपनाम एलिमास (अर्थात् जादूगर) था, उनका विरोध किया और राज्‍यपाल को विश्‍वास करने से रोकना चाहा। तब शाऊल ने, जो पौलुस भी कहलाते थे, पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण हो कर उस पर दृष्‍टि गड़ायी और कहा, “तू शैतान की संतान है! तू धूर्तता और कपट से कूट-कूट कर भरा हुआ है और हर प्रकार की धार्मिकता का शत्रु है! क्‍या तू प्रभु के सीधे मार्ग टेढ़े बनाने से बाज़ नहीं आयेगा? अब देख, प्रभु का हाथ तेरे विरुद्ध उठा है। तू अन्‍धा हो जायेगा और कुछ समय तक सूर्य का प्रकाश नहीं देख सकेगा।” उसी क्षण उस की आँखों के सामने धुंधलापन और अंधेरा छा गया और वह इधर-उधर टटोलने लगा कि कोई उसका हाथ पकड़ कर उसे ले चले। यह घटना देख कर राज्‍यपाल ने विश्‍वास किया। वह प्रभु की शिक्षा से चकित था।