2 थिस्‍सलुनीकियों 2:3-12

2 थिस्‍सलुनीकियों 2:3-12 HINCLBSI

कोई आप लोगों को किसी भी तरह न बहकाये। वह दिन तब तक नहीं आ सकता जब तक पहले धर्म-विद्रोह न हो जाये और वह “अधर्म-पुरुष” प्रकट न हो, जिसका विनाश अनिवार्य है। वह अपने घमण्‍ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्‍य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्‍वर के मन्‍दिर में विराजमान हो कर स्‍वयं ईश्‍वर होने का दावा करता है। क्‍या आप लोगों को याद नहीं है कि आप के बीच रहते समय मैं आप को ये सब बातें समझाया करता था? आप जानते हैं कि कौन-सी शक्‍ति अभी अवरोध करती है, जिससे वह अपने समय से पहले प्रकट न हो। क्‍योंकि अधर्म का रहस्‍य अभी भी क्रियाशील है, किन्‍तु वह तब तक गुप्‍त रहेगा, जब तक अवरोध करने वाला न हट जाये। तब वह “अधर्मी” प्रकट होगा, जिसे प्रभु येशु अपने मुख के निश्‍वास से नष्‍ट करेंगे और अपने आगमन के प्रताप से भस्‍म कर देंगे। परन्‍तु “अधर्मी” का आगमन शौतान के प्रभाव से है, जो हर प्रकार के शक्‍तिशाली चिह्‍न और कपटपूर्ण चमत्‍कार दिखाकर नाश होने वाले व्यक्‍तियों को हर प्रकार के अधर्ममय भ्रम में डालता है; क्‍योंकि उन्‍होंने उस सत्‍य से प्रेम करना स्‍वीकार नहीं किया, जो उन्‍हें बचाने में समर्थ था। यही कारण है कि परमेश्‍वर उन पर महाभ्रम प्रेषित करता है, जिससे वे झूठ पर विश्‍वास करें और वे सब दण्‍डित किये जायें, जिन्‍होंने सत्‍य पर विश्‍वास नहीं किया और अधर्म का पक्ष लिया है।

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