2 शमूएल 7:18-29

2 शमूएल 7:18-29 HINCLBSI

तब राजा दाऊद तम्‍बू के भीतर गया और प्रभु के सम्‍मुख बैठ गया। उसने यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, हे स्‍वामी! मैं क्‍या हूँ और मेरे वंश का महत्‍व क्‍या है, कि तूने मुझे इतना ऊंचा उठाया? फिर भी यह तेरी दृष्‍टि में कितनी छोटी बात है। हे प्रभु, हे स्‍वामी! तूने अपने सेवक के वंश को सुदूर भविष्‍य के लिए भी वचन दिया। काश यह मनुष्‍यों के लिए शिक्षा का कारण बने! हे प्रभु, हे स्‍वामी! दाऊद तुझसे और क्‍या कह सकता है? तू अपने सेवक को जानता है। हे प्रभु, हे स्‍वामी! अपने वचन के कारण, और अपने हृदय के अनुरूप, तूने अपने सेवक को यह बताया, और यह महाकार्य किया। इसलिए हे प्रभु, हे स्‍वामी, तू महान् है! तेरे समान और कोई ईश्‍वर नहीं है। तेरे अतिरिक्‍त और कोई परमेश्‍वर नहीं है। यह हमने स्‍वयं अपने कानों से सुना है। तेरे निज लोग, इस्राएली राष्‍ट्र के समान पृथ्‍वी पर और कौन राष्‍ट्र है? हे परमेश्‍वर, तू स्‍वयं उनको मुक्‍त करने के लिए गया था। तूने स्‍वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्‍मुख से, जिन्‍हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्‍त किया था, अनेक राष्‍ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था। तूने अपने लोग इस्राएलियों को स्‍थापित किया कि वे युगानुयुग तेरे ही निज लोग बने रहें। हे प्रभु, तू उनका परमेश्‍वर बन गया। अब हे प्रभु परमेश्‍वर, जो वचन तूने अपने सेवक और उसके वंश के विषय में कहा है, उसको सदा पूरा करता रह। अपने वचन के अनुसार कार्य कर। अत: लोग तेरे नाम का गुनगान करेंगे। वे यह कहेंगे, “स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु ही इस्राएलियों का परमेश्‍वर है।” तब तेरे सेवक दाऊद का वंश तेरे सम्‍मुख बना रहेगा। हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, हे इस्राएल के परमेश्‍वर, तूने अपने सेवक दाऊद के कानों में यह बात प्रकट की है, “मैं तुझे स्‍वयं ‘भवन’ बनाऊंगा!” अत: तेरे सेवक को साहस प्राप्‍त हुआ, और उसने तुझ से यह प्रार्थना की। प्रभु, हे स्‍वामी, तू ही परमेश्‍वर है। तेरे वचन सत्‍य हैं। तूने अपने सेवक के साथ यह भलाई करने की प्रतिज्ञा की है। इसलिए अब तू प्रसन्न हो और अपने सेवक के परिवार को आशिष दे, जिससे वह तेरे सम्‍मुख सदा बना रहे। हे प्रभु, हे स्‍वामी, तूने यही वचन दिया है। तेरी आशिष से तेरे सेवक का वंश सदा, आशिषमय रहेगा।’