2 शमूएल 3:1-16

2 शमूएल 3:1-16 HINCLBSI

शाऊल के राज-परिवार तथा दाऊद के राज-परिवार के मध्‍य बहुत समय तक युद्ध जारी रहा। दाऊद अधिकाधिक शक्‍तिशाली बनता गया और शाऊल का राज-परिवार धीरे-धीरे शक्‍तिहीन होता गया। ये पुत्र दाऊद को हेब्रोन नगर में उत्‍पन्न हुए थे : ज्‍येष्‍ठ पुत्र अम्‍नोन था, जो यिज्रएल नगर की रहनेवाली अहीनोअम से उत्‍पन्न हुआ था। दूसरा पुत्र किलआब था, जो कर्मेल के नाबाल की विधवा अबीगइल से उत्‍पन्न हुआ था। तीसरा पुत्र अबशालोम था, जो गशूर नगर के राजा तलमय की पुत्री माकाह से उत्‍पन्न हुआ था। चौथा पुत्र अदोनियाह, हग्‍गीत से; पांचवाँ पुत्र शफटयाह, अबीटल से और छठा पुत्र यित्राम, एग्‍लाह नामक दाऊद की पत्‍नी से उत्‍पन्न हुआ था। ये ही पुत्र दाऊद को हेब्रोन नगर में उत्‍पन्न हुए थे। जब शाऊल के राज-परिवार तथा दाऊद के राज-परिवार के मध्‍य युद्ध जारी था, तब यह घटना घटी। अब्‍नेर शाऊल के राज-परिवार में प्रमुख शक्‍तिशाली व्यक्‍ति बन गया था। शाऊल की एक रखेल थी। उसका नाम रिस्‍पाह था। वह अय्‍याह की पुत्री थी। अब्‍नेर ने उसको रख लिया। ईशबोशेत ने अब्‍नेर से कहा, ‘आपने मेरे पिता की रखेल से सम्‍भोग क्‍यों किया?’ अब्‍नेर ईशबोशेत के ये शब्‍द सुनकर भड़क उठा। उसने कहा, ‘क्‍या मैं यहूदा की दहलीज का कुत्ता हूँ? आज तक मैं तुम्‍हारे पिता शाऊल के राज-परिवार के प्रति, उनके भाइयों और मित्रों के प्रति प्रेमपूर्ण व्‍यवहार करता रहा। तुम्‍हें दाऊद के हाथ में पड़ने नहीं दिया। फिर भी आज तुमने एक स्‍त्री के विषय में मुझ पर दोष लगाया। अब जो शपथ प्रभु परमेश्‍वर ने दाऊद से खाई थी, कि वह शाऊल के राज-परिवार से राज्‍य-सत्ता वापस ले लेगा, और इस्राएल एवं यहूदा प्रदेश पर, दान नगर से बएर-सेबा तक, दाऊद की राज्‍य-सत्ता स्‍थापित करेगा−यदि मैं परमेश्‍वर की इस शपथ को पूरा न करूँ, तो परमेश्‍वर मुझ-अब्‍नेर से कठोर से कठोर व्‍यवहार करे।’ ईशबोशेत अब्‍नेर से डर गया। वह उसे पलट कर एक शब्‍द भी न बोल सका। अब्‍नेर ने दूतों के हाथ दाऊद को हेब्रोन नगर में यह सन्‍देश भेजा, ‘यह देश किसका है? मेरे साथ सन्‍धि स्‍थापित करो। तब मैं सब इस्राएली लोगों को तुम्‍हारी ओर मोड़ने में तुम्‍हें सहयोग दूँगा।’ दाऊद ने कहा, ‘बहुत अच्‍छा! मैं तुम्‍हारे साथ सन्‍धि स्‍थापित करूँगा; पर तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ। जब तुम मुझसे मिलने आओगे, तब शाऊल की पुत्री मीकल को लाना। अन्‍यथा तुम मेरे दर्शन नहीं कर सकोगे।’ तत्‍पश्‍चात् दाऊद ने शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को दूतों के हाथ यह सन्‍देश भेजा, ‘मेरी पत्‍नी मीकल मुझे लौटा दीजिए। मैंने उसे सौ पलिश्‍ती सैनिकों के लिंग की खलड़ी के बदले में प्राप्‍त किया था।’ अत: ईशबोशेत ने दूत भेजे। उन्‍होंने मीकल के पति पल्‍टीएल बेन-लाइश से मीकल को छीन लिया। पर मीकल का पति उसके साथ चला। वह बहूरीम नगर तक मीकल के पीछे-पीछे रोते हुए गया। किन्‍तु जब अब्‍नेर ने उससे कहा, ‘अब लौट जाओ’ तब वह लौट गया।

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