2 शमूएल 18:31-33

2 शमूएल 18:31-33 HINCLBSI

तब इथियोपियाई गुलाम आया। उसने कहा, ‘मेरे स्‍वामी, महाराज के लिए शुभ सन्‍देश लाया हूँ। आज प्रभु ने आपको आपके विरुद्ध उठनेवालों के हाथ से मुक्‍त कर दिया।’ राजा ने गुलाम से पूछा, ‘युवा अबशालोम तो सकुशल है न?’ गुलाम ने उत्तर दिया, ‘मेरे स्‍वामी, महाराज के शत्रुओं और आपका अनिष्‍ट करनेवाले सब विरोधियों का अन्‍त उस युवक के अन्‍त के समान हो!’ राजा इस धक्‍के से हिल उठा। वह द्वार के ऊपर बने हुए कमरे में चला गया और वहाँ रोने लगा। उसने रोते हुए कहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे! मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मुझे मौत आई होती। ओ मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे!’