2 शमूएल 12:1-7

2 शमूएल 12:1-7 HINCLBSI

तब प्रभु ने नबी नातान को दाऊद के पास भेजा। वह दाऊद के पास आया। उसने दाऊद से कहा, ‘एक नगर में दो मनुष्‍य रहते थे। एक धनी था, और दूसरा गरीब। धनी के पास बहुत भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल थे। किन्‍तु गरीब के पास केवल एक छोटी-सी भेड़ थी। उसने उसको खरीदा था। वह उसका पालन करने लगा। भेड़ उसके बच्‍चों के साथ बड़ी होने लगी। वह उसके साथ ही रोटी खाती थी। उसके प्‍याले में पानी पीती थी। उसकी गोद में सोती थी। वह उसके लिए बेटी के समान थी। ‘एक दिन धनी मनुष्‍य के पास एक यात्री आया। किन्‍तु धनी मनुष्‍य उस पथिक को, जो उसके पास आया था, भोजन के लिए अपने रेवड़ में से पशु देने को तैयार न था। अत: उसने गरीब की भेड़ छीन ली, और अपने यहाँ आए हुए यात्री के लिए उसका मांस पकाया।’ यह सुनकर दाऊद का क्रोध उस धनी मनुष्‍य के प्रति बहुत भड़क उठा। उसने नातान से कहा, ‘जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! यह अन्‍याय करनेवाला मनुष्‍य निश्‍चय ही मृत्‍यु-दण्‍ड के योग्‍य है। उसे चार गुना भेड़ लौटाना होगा; क्‍योंकि उसने यह अन्‍यायपूर्ण कार्य किया है। उसने गरीब पर दया नहीं की।’ नातान ने दाऊद से कहा, ‘महाराज, आप ही वह धनी मनुष्‍य हैं। इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है, “मैंने तुझे इस्राएल देश का राजा अभिषिक्‍त किया। मैंने तुझे शाऊल के हाथ से मुक्‍त किया।