2 राजा 5:1-14

2 राजा 5:1-14 HINCLBSI

नामान सीरिया देश के राजा का सेनापति था। वह अपने स्‍वामी की दृष्‍टि में महान् पुरुष था। उस पर राजा की विशेष कृपा थी; क्‍योंकि प्रभु ने उसके माध्‍यम से सीरिया देश को विजय प्रदान की थी। नामान महाबली था; किन्‍तु वह कुष्‍ठ-रोगी था। सीरिया देश के सैनिक इस्राएल प्रदेश पर छापा मारते थे। एक बार वे छापा के दौरान इस्राएल प्रदेश से एक छोटी लड़की को पकड़ कर ले गए। वह नामान की पत्‍नी की सेवा करने लगी। एक दिन उसने अपनी मालकिन से कहा, ‘भला होता कि हमारे मालिक सामरी नगर में रहने वाले नबी के सम्‍मुख जाते। नबी मालिक को उनके कुष्‍ठ-रोग से स्‍वस्‍थ कर सकते हैं।’ अत: नामान अपने स्‍वामी, राजा के पास गया। उसने राजा को बताया कि इस्राएल प्रदेश की लड़की यह बात कहती है। सीरिया देश के राजा ने कहा, ‘तुम अभी चले जाओ। मैं इस्राएल प्रदेश के राजा को एक पत्र भेज दूंगा’। अत: नामान ने प्रस्‍थान किया। वह अपने साथ लगभग तीन सौ पचास किलो चांदी, सत्तर किलो सोना और दस जोड़ी राजसी वस्‍त्र ले गया। वह इस्राएल प्रदेश के राजा के पास पत्र लाया, जिसमें यह लिखा था, ‘जब यह पत्र तुम्‍हारे पास पहुंचेगा, तब तुम समझ लेना कि मैंने अपने सेवक नामान को तुम्‍हारे पास भेजा है। तुम उसे उसके कुष्‍ठ-रोग से स्‍वस्‍थ कर देना।’ जब इस्राएल प्रदेश के राजा ने यह पत्र पढ़ा, तब उसने संकट और घृणा को प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े और यह कहा, ‘क्‍या मैं ईश्‍वर हूं, जो प्राण लेता और प्राण देता है! देखो, इस आदमी ने मेरे पास सन्‍देश भेजा है कि मैं इस मनुष्‍य को उसके कोढ़ से स्‍वस्‍थ करूं! इसकी बात सुनो, ध्‍यान दो, और देखो कि सीरिया देश का राजा किस प्रकार मुझसे युद्ध करने का बहाना ढूंढ़ रहा है।’ जब परमेश्‍वर के जन एलीशा ने सुना कि इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने वस्‍त्र फाड़ दिए, तब उन्‍होंने राजा को यह सन्‍देश भेजा : ‘महाराज, आपने अपने वस्‍त्र क्‍यों फाड़े? सेनापति को मेरे पास आने दीजिए। तब उसे अनुभव होगा कि इस्राएल प्रदेश में एक नबी है।’ अत: नामान अपने घोड़ों और रथों के साथ आया। वह एलीशा के घर के द्वार पर खड़ा हो गया। एलीशा ने सन्‍देशवाहक के मुंह से उसको यह सन्‍देश भेजा, ‘जाओ, यर्दन नदी के जल में सात बार स्‍नान करो। तुम्‍हरी त्‍वचा पहले-जैसी हो जाएगी, और तुम शुद्ध हो जाओगे।’ परन्‍तु नामान नाराज हुआ। उसने कहा, ‘मैं यह सोचता था कि नबी घर से बाहर निकलेगा। वह मेरे पास खड़ा होगा। वह अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम का आह्‍वान करेगा। वह मेरे शरीर के दागों पर अपना हाथ फेरेगा, और कुष्‍ठ-रोग से मुझे स्‍वस्‍थ करेगा। क्‍या दमिश्‍क नगर की अबाना और फरपर नदियों का जल इस्राएल प्रदेश के सम्‍पूर्ण जल से उत्तम नहीं है? क्‍या मैं उन नदियों में स्‍नान करके शुद्ध नहीं हो सकता?’ नामान मुड़ा और क्रोध में उफनता हुआ चला गया। नामान के कर्मचारी उसके समीप आए। उन्‍होंने नामान से कहा, ‘हमारे पिता, यदि नबी ने आपको कोई बड़ा काम करने को कहा होता तो क्‍या आप उसको नहीं करते? उनका यह कथन, “स्‍नान करो और शुद्ध हो जाओ।” कितना सहज है।’ अत: नामान यर्दन नदी के तट पर गया। वहां उसने परमेश्‍वर के जन एलीशा के कथन के अनुसार, यर्दन नदी के जल में सात डुबकी लगाई। तब उसकी त्‍वचा पुन: शिशु की त्‍वचा के समान चिकनी हो गई, और वह शुद्ध हो गया।